सेंधा नमक और समुद्री नमक के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आज हम गुलाबी नमक और सफेद नमक के बारे में बात करेंगे। जिसे हम हिमालयन पिंक सॉल्ट और सी सॉल्ट के नाम से भी जानते हैं। ये पिंक सॉल्ट पहाड़ों की चट्टानों में मिलता है। ये नमक हिमालय की पहाड़ियों में 200 से 300 मीटर नीचे की तरफ होता है, जिसे माइनिंग के जरिए बाहर निकाला जाता है। हिमालयन पिंक सॉल्ट 230 मिलियन साल पुराना है। ये जिन पहाड़ों पर पाया जाता है वहां पहले विशाल समुद्र हुआ करता था। हिमालय पर्वतमाला का निर्माण होने से समय के साथ वो पृथ्वी के नीचे दबता गया। दबते वक्त जो हीट उत्पन हुई उससे सॉल्ट का कलर पिंक हो गया। वैसे भी आध्यात्म में पिंक कलर को खुशी, उत्साह, उमंग का कलर कहा गया है। ये हैप्पीनेस का कलर होता है।
समुद्री सॉल्ट पानी सुखा कर निकाला जाता है। फिर इसे ब्लीच किया जाता है, चमकाया जाता है, वॉश किया जाता है और फिर उसे पैक किया जाता है।
दोनों के फायदे-नुकसान
समुद्री नमक के फायदे जितने कम हैं उससे कहीं ज्यादा इसके नुकसान हैं। समुद्री नमक का सबसे बड़ा नुकसान है कि इस नमक का फॉर्म कोलाइडल होता है। इसका जो क्रिस्टल होता वो पूरी तरह से पानी में डिजॉल्व नहीं होता। वहीं दूसरी ओर हिमालयन पिंक सॉल्ट इसका स्मॉल पार्टिकल आयर्निक होता है। मतलब इलेक्ट्रिकली एक्टिव होता है और हमारी बॉडी पायो इलेक्ट्रिक करेंट्स पर रन करती है। समुद्री नमक का ऑरा हाईली नेगेटिव होता है और पिंक सॉल्ट का ऑरा हाईली पॉजीटिव होता है।
हिमालयन सॉल्ट के फायदे
- ब्लड शुगर को रेग्यूलेट करता है
- ब्लड प्रेशर को स्टैबलाइज करता है
- डाइजेशन प्रोसेस में पूर्णरूप से एब्जॉर्ब हो जाता है
- डाइजेशन प्रोसेस को स्टीम्यूलेट करता है और स्पीड लाता है
- साइनस की प्रॉब्लम खत्म करता है
- गर्म पानी में इसे डालकर इन्हेल करने से ब्रीदिंग फ्रीली हो जाती है
- बॉडी के इलेक्ट्रोलाइट्स को इंप्रूव करता है
- हाईड्रेशन प्रॉसेस को फास्ट करता है
- स्त्रियों की मासिक धर्म साइकल में भी फायदा पहुंचाता है
- बॉडी को डिटॉक्स करता है
- ब्लड सर्क्यूलेशन को सही रखता है
- अच्छी नींद लाने में मदद करता है
- थायरॉयड में फायदा करता है
- हार्मोन्स को बैलेंस करता है
- बॉडी में PH लेवल को बैलेंस करता है
- अस्थमा को खत्म करता है
Created On :   29 May 2018 5:48 PM IST