तिलमिलाया पाकिस्तान: राम मंदिर के बाद मथुरा और ज्ञानवापी मामले को लेकर भड़का पाकिस्तान, यूएन को लिखा पत्र

राम मंदिर के बाद मथुरा और ज्ञानवापी मामले को लेकर भड़का पाकिस्तान, यूएन को लिखा पत्र
  • मथुरा और ज्ञानवापी मामले पर भड़का पाकिस्तान
  • पाकिस्तान ने यूएन को लिखा पत्र
  • राम मंदिर पर किया कटाक्ष

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वाराणसी अदालत के आदेश के बाद सार्वजनिक हुई एएसआई सर्वे में तरह तरह के नए खुलासे हो रहे है। गुरुवार को सामने आई भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण रिपोर्ट में हिंदू मंदिर से जुड़े अवशेषों के मिलने की पुष्टि हुई है। मस्जिद में नए खुलासों को लेकर पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान बौखला गया है। अब पाकिस्तान ने इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाना चाहता है। पाकिस्तान के राजनयिक मुनीर अकरम ने यूएन को पत्र लिखा है। जिसमें अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की जगह पर राम मंदिर निर्माण के मसले का जिक्र किया गया है। पत्र में पाकिस्तान राजनयिक ने कहा है कि भारत में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह के विध्वंस का खतरा भी मंडरा रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने एएसआई की रिपोर्ट के जरिए दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण 1000 साल पुराने हिंदू मंदिर के अवशेषों पर किया गया है।

इस मुद्दे को लेकर पकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक खबर छापी है। जिसके मुताबिक, पाकिस्तान के राजनयिक की ओर से यूएन की शीर्ष अधिकारी मिगेल एंगल मोराटिनोस को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, 'भारत के अयोध्या में गिराई गई बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पकिस्तान कड़ी निंदा करता है।' खबर के मुतबिक, पत्र में लिखा गया है कि, "भारत में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए आपके तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए आपको यह पत्र लिख रहा हूं। यूनाइटेड नेशन्स अलायंस ऑफ सिविलाइजेशन्स को इस्लामिक विरासत को बचाने और भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए अहम भूमिका निभाना चाहिए।" पाकिस्तानी अखबर में आगे बताया गया है कि, राजनयिक अकरम ने कहा, 'दुखद है कि यह घटना अकेली नहीं है, क्योंकि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद समेत कई अन्य मस्जिदें ऐसे खतरों का सामना कर रही हैं।'

राम मंदिर पर भी किया कटाक्ष

पकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने नवनिर्मित राम मंदिर को लेकर कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। पिछले 31 वर्षों से भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेला जा रहा है। आज के भारत में हिंदुत्व की बढ़ती विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा है।

ज्ञानवापी की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

ज्ञानवापी मामले में गुरुवार को हिंदू पक्ष के वकील ने एएसआई रिपोर्ट को लेकर कई बड़े खुलासे किए। उनका कहना है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां मौजूद प्राचीन मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। उन्होंने इसके पक्ष में रिपोर्ट का हवाला दिया। सर्वे की रिपोर्ट में इस बात को लेकर भी पुष्टि की है कि मस्जिद में मंदिर के अस्तित्व को लेकर कई पुख्ता सबूत के मिलने की बात कही जा रही है। खबरों के मुताबिक सर्वेक्षण के दौरान दो तहखानों भी मिलें, जिसमें हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष भी पाए गए।

कोर्ट ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने के दिए आदेश

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने संवाददातओं से कहा कि गुरुवार देर शाम को 839 पन्नों वाली एसएसआई की सर्वे रिपोर्ट की कॉपी को अदालत ने सार्वजनिक करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सर्व में यह बात साफ हो जाती है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित यह मस्जिद 17 वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के समय की थी। जहां एक भव्य हिंदू मंदिर को तबाह करने के बाद के उसके बचे हुए अवशेषों पर इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।

Created On :   26 Jan 2024 12:20 PM GMT

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