MP Recruitment Exam: मध्यप्रदेश में सरकारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव का नया फॉर्मूला तैयार! UPPSC की तर्ज पर एक ही परीक्षा से हो सकती हैं कई भर्तियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप मध्यप्रदेश में होने वाली भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं? अलग अलग भर्ती परीक्षाओं की डिटेल लेने और फॉर्म भरने की माथापच्ची करने से पहले इस आर्टिकल को जरा गौर से पढ़ लीजिए। क्योंकि आज हम बताएंगे मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षा में क्या बड़े बदलाव होने वाले हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने परीक्षाओं में बदलाव का एक मोटा खाका तैयार कर लिया है। जिससे सरकारी काम तो कम होगा ही भर्ती परीक्षा की तैयारी में जुटे हजारों छात्रों की मगजमारी भी कम होगी।
स्टूडेंट्स के सिर से हटेगा बोझ
एमपीपीएससी कब होगी? रिजल्ट कब आएगा? रिजल्ट आने से पहले परीक्षा में कोई धांधली तो नहीं होगी? ये सवाल सिर्फ एक परीक्षा से जुड़े नहीं हैं। जितनी भर्ती परीक्षाएं होती हैं उतनी ही लंबी प्रक्रिया होती है और उससे उससे जुड़े उतने ही सवाल और संशय होते हैं। जिन्हें देखने और समझने के बाद अब मोहन सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली एग्जाम्स के लिए एक नया फैसला ले लिया है। जिसके बाद अब ये चयन परीक्षा या भर्ती परीक्षाएं बार बार नहीं होंगी। इस फैसले से न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि परीक्षा की तैयारी में जुटे हर स्टूडेंट के सिर से अलग अलग फॉर्म भरने और परीक्षा की तारीखें और सेंटर्स याद करने का बोझ भी उतर जाएगा। परीक्षा ऑर्गेनाइज करने के पैटर्न में बदलाव यूपीएससी के ढांचे पर होगा। यानी एक ही भर्ती परीक्षा होगी और उसमें आने वाले मार्क्स के आधार पर अलग अलग सर्विसेज के लिए सिलेक्शन होगा। चलिए समझते हैं नए बदलावों के बाद क्या व्यवस्था हो सकती है?
क्या है नया फॉर्मूला?
पिछले पांच सालों में एमपीपीएससी ने 38 तो व्यापमं ने 18 अलग अलग तरह की भर्ती परीक्षाएं ली हैं।
नए फॉर्मूले के तहत कई विभागों में भर्ती के लिए अब संयुक्त परीक्षा होंगी।
नया फॉर्मूला लागू होने के बाद व्यापमं और एमपीपीएससी की कुल 8 भर्ती परीक्षाएं ही हो पाएंगी।
एक साल में इन आठ में से एमपीपीएससी की पांच और व्यापमं की 3 परीक्षा कराने का प्रस्ताव है।
रैंक और प्रिफरेंस के आधार पर रिजल्ट तैयार होगा। उसी हिसाब से अलग अलग विभागों के में नियुक्तियां दी जाएंगी।
इन परीक्षाओं का एन्यूअल केलेंडर भी फिक्स करने का प्रस्ताव है।
परीक्षा का फॉर्मूला के आधार पर सारे विभागों में पोस्ट का एक नाम और फिक्स पे स्केल पर भर्ती होगी।
बाबूओं का भी एक काडर बनाने पर विचार हो रहा है।
फिलहाल मध्यप्रदेश तकरीबन हर विभाग और उनके पदों पर भर्ती के लिए अलग अलग परीक्षाएं होती हैं। लेकिन नए फॉर्मूले के बाद परीक्षाओं का सिस्टम काफी सिस्टेमेटिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। अभी ये फैलारा कितना ज्यादा है इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि बाबूओं की भर्ती के लिए ही अलग अलग नामों से 27 परीक्षाएं ली जाती हैं।
भर्ती परीक्षाओं में होने वाले बदलाव से क्या होगा?
अब आप ये भी जरूर जानना चाहेंगे कि चयन परीक्षा या भर्ती परीक्षाओं में होने वाले इस बदलाव से होगा क्या? इसका सबसे बड़ा जवाब है समय की बचत होगी। प्रक्रिया भी छोटी और आसान होगी। असल में सरकार बहुत जल्द पदोन्नति का नया फॉर्मूला बनाने वाली है। उसके बाद करीब ढाई लाख पद जल्द खाली होने वाले हैं। पदोन्नति का नया फॉर्मूला क्या होगा सरकार उस पर कैसे आगे बढ़ेगी। न्यूज स्ट्राइक के ही एक एपिसोड में मैं आपको इस की भी पूरी जानकारी दूंगा। फिलहाल इतना समझ लीजिए कि सरकार पदोन्नति का नया सिस्टम बनाए उससे पहले भर्ती परीक्षाओं का फॉर्मूला तय करना चाहती है. ताकि ज्यादा दिनों तक ज्यादा पद खाली न रह जाएं। इसलिए प्रक्रिया बदलने पर जोर दिया जा रहा है।
सरकारी परीक्षाओं की डेट और रिजल्ट पर भी कई बार कानूनी पचड़े उलझ जाते हैं। जब परीक्षा एक ही होगी तो कोर्ट कचहरी के चक्कर भी कम ही होंगे।
वेटिंग लिस्ट पर भी नए फॉर्मूले का असर पड़ेगा। परीक्षा देने वालों से आवेदन के समय ही विकल्प मांगे जाते हैं। एक ही परीक्षा होने पर अगर एक अभ्यार्थी एक पद चुन लेता है तो उसके विकल्प वाला दूसरे पद पर वेटिंग वाले अभ्यार्थी को मौका दिया जा सकेगा।
इस पूरी प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा जानकारी ऑनलाइन होगी। जिसकी वजह से अभ्यार्थियों के सामने पूरी प्रक्रिया ट्रांसपेरेंट होगी। मोहन सरकार बहुत जल्द नए फॉर्मूले के तहत भर्ती प्रक्रिया करवाने वाली है। कोशिश ये है कि एक साल के अंदर नया फॉर्मूला फिक्स कर लिया जाए। ऐसा होता है तो परीक्षा की तैयारियों में जुटे लाखों स्टूडेंट्स को भी राहत मिलेगी। क्योंकि उन्हें तैयारी भी एक ही परीक्षा के अनुसार करनी होगी। नई प्रक्रिया से जुड़े कोई सवाल हैं या सुझाव हैं तो आप कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते हैं।
Created On :   5 May 2025 4:51 PM IST