चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामला: कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने लिया बड़ा एक्शन, कई अधिकारी को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित, मामले को लेकर टेंशन जारी

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने लिया बड़ा एक्शन, कई अधिकारी को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित, मामले को लेकर टेंशन जारी
  • कर्नाटक सीएम सिद्दारमैया ने लिया बड़ा एक्शन
  • कई अधिकारी को तत्काल प्रभाव से किया गया निलंबित
  • चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले को लेकर टेंशन जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईपीएल 2025 का खिताब अपने नाम करने के बाद आरसीबी ने 4 जून को विक्ट्री परेड निकाली थी। लेकिन इस दौरान बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई। जिसके चलते 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। अब पूरे मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बड़ा एक्शन लिया है। जिसके चलते कई पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी को बड़ा झटका लगा है।

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर, स्टेशन हाउस मास्टर, स्टेशन हाउस ऑफिसर, एसीपी, सेंट्रल डिवीजन डीसीपी, क्रिकेट स्टेडियम प्रभारी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।"

उन्होंने आगे कहा, "हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस माइकल डी'कुन्हा की अध्यक्षता में हमने एक सदस्यीय आयोग गठित किया है। आरसीबी, इवेंट मैनेजर डीएनए, केएससीए, जिन्होंने उनका प्रतिनिधित्व किया था, हमने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लिया है।" सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में कल की घटना पर विस्तार से चर्चा की गई। हमने 30 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही, राज्य के डीजीपी और आईजीपी को निर्देश दिया है कि आरसीबी के प्रतिनिधि और केएससीए का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।

गुरुवार को हाई कोर्ट में राज्य सरकार ने दिया जवाब

इधर, राज्य सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट में कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने मची भगदड़ की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी कहा कि स्वतंत्र जांच के लिए सीआईडी के अंतर्गत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया जाएगा। कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत कब्बन पार्क पुलिस थाने में एक प्राथमिकी (अपराध संख्या 123/2025) दर्ज की गई है, जिसमें धारा 105, 125 (1) (2), 132, 121/1 और 3 (5) के साथ पठित धारा 190 शामिल है। इसमें कहा गया है कि मामला अब औपचारिक रूप से सीआईडी ​​को सौंप दिया गया है और आगे की कार्रवाई के लिए एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।

पूरे मामले को लेकर गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि, घटना को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था और राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया था। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि पुलिस ने अपनी तरफ से शहर में पूरे इंतजाम किए थे, लेकिन अचानक स्टेडियम के बाहर करीब ढाई लाख लोग पहुंच गए। सरकार के वकील ने सुनवाई कहा- स्टेडियम की क्षमता 30 हजार से 35 हजार लोगों की थी, जबकि स्टेडियम के बाहर ढाई लाख लोग मौजूद थे और स्टेडियम में एंट्री फ्री थी। इस घटना के बाद जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और 15 दिनों में रिपोर्ट सामने आ जाएगी। जिन 11 लोगों की मौत हुई है, वह सभी स्टेडियम के बाहर हुई है। तीन गेट के सामने बहुत ज्यादा भीड़ जमा हो गई थी। जिसके चलते भी यह हादसा हुआ।

दूसरे वकील जिन्होंने आज की याचिका दायर की है, उन्होंने सरकार के वकील से कई सवाल पूछे...

खिलाड़ियों को सम्मानित करने का फैसला किसका था, राज्य सरकार का या फिर क्रिकेट एसोसिएशन का?

ऐसे खिलाड़ी जो देश या राज्य के लिए नहीं खेले क्या उनको सम्मानित करना जरूरी था?

आखिर कार्यक्रम विधानसभा और चिन्नास्वामी स्टेडियम में दो जगह क्यों किया गया?

इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए थे?

कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि स्टेडियम और उसके आसपास कानून और ट्रैफिक व्यवस्था की देखरेख के लिए 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे। इससे एक दिन पहले उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 5,000 पुलिसकर्मी मौजूद थे। हालांकि, अब पूरे मामले की जांच की जा रही है और राज्य सरकार की सुरक्षा इंतजाम को लेकर फजीहत हो रही है। अब मामले की अगली सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में 10 जून को होगी।

Created On :   5 Jun 2025 10:43 PM IST

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