Malegaon Blast Case: 7 आरोपी बरी, नहीं मिले साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सबूत, 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट का बड़ा फैसला

- 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले के सभी आरोपी बरी
- कोर्ट ने कहा- कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिले
- धमाके में 6 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा हुए थे घायल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्पेशल कोर्ट ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में गुरुवार (31 जुलाई) को फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सहित सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। सभी को बरी यह कह कर किया गया कि आरोपियों के खिलाफ कोई भी सबूत विश्वसनीय नहीं है। कोर्ट का कहना है कि सजा देने के लिए ठोस सबूत होने चाहिए। प्रॉसिक्यूशन सिर्फ संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ा सकता। आपको बता दें कि, 17 साल बाद इस मामले में कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट का मानना है कि यह धमाका समाज के खिलाफ एक गंभीर अराध था। लेकिन सजा सुनाने के लिए कोर्ट को ठोस सबूत की जरूरत होती है। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं मिला। यही वजह है कि सभी को बरी किया जा रहा है। अगर पुलिस चाहती है तो वॉन्टेड आरोपियों के खिलाफ अलग चार्जशीट दाखिल कर सकती है। सभी बरी आरोपियों को कोर्ट का ऑर्डर (कॉपी) दिया जाएगा।
कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि प्रॉसिक्यूशन ऐसे पुख्ता सबूत देने में असमर्थ रहा जिसे कानूनी रूप से सही माना जा सके। जिन गवाहों पर यकीन किया गया, उनकी गवाही भी कमजोर निकली। सिर्फ कहानी या सोच बना लेना काफी नहीं होता, सजा के लिए मजबूत सबूत की जरूरत होती है। कोर्ट को सबूतों यकीन नहीं है। सिर्फ संदेह के आधार पर प्रॉसिक्यूशन मामले को आगे नहीं बढ़ा सकता।
कोर्ट ने दिया मृतकों के परिजनों को रुपये देने का आदेश
कोर्ट ने मालेगांव धमाके के मृतकों के परिवार को 2-2 लाख रुपये देने और घायलों को 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया है।
कौन-कौन हैं आरोपी?
पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित
रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय
सुधाकर चतुर्वेदी
अजय राहिरकर
सुधाकर धर द्विवेदी
समीर कुलकर्णी
'झूठा मामला किया गया दर्ज'
2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में NIA कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हम सभी बरी हो जाएंगे। हमारे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। हमारे खिलाफ पेश किए गए सभी सबूत झूठे साबित हुए। मुझे यकीन है कि हम बरी हो जाएंगे। हमारे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया था। हम निर्दोष हैं। हम हर जगह सभी सबूतों को झूठा साबित करेंगे, जैसा हमने यहां किया।
'न्यायपालिका पर पूरा भरोसा'
आरोपी समीर कुलकर्णी ने कहा था कि पिछले 17 सालों से हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह इस बात पर मुहर लगाएगी कि हम निर्दोष हैं। दुनिया को आखिरकार वो सच पता चलेगा जो हम शुरू से जानते आए हैं। आज अगर फैसला हमारे पक्ष में आता है, तो किसी को हैरान होने की जरूरत नहीं है। पूरी जांच सरकार के दबाव में की गई थी।
'सच की होगी जीत'
2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में NIA कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील एडवोकेट जे.पी. मिश्रा ने कहा कि थोड़ी देर में फैसला आ जाएगा। सत्य की जीत होगी।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक बड़ा ब्लास्ट हुआ था। यद विस्फोट, भूकू चौक पर एक दोपहिया वाहन में हुआ जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 100 लोग घायल हुए। पहले इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद यह मामला एटीएस यानि एंटी टेररिस्ट स्क्वाड को सौंप दिया गया। एटीएस ने अपनी चार्जशीट में प्रज्ञा ठाकु सहित 16 लोगों को आरोपी बनाया था। हालांकि इस केस को बाद में एनआईए को सौंपा गया।
Created On :   31 July 2025 11:27 AM IST