Covid-19: उत्तर प्रदेश में अब घंटों में नहीं, मिनटों में होगी कोरोना की जांच

Corona will be investigated in minutes, not hours in UP
Covid-19: उत्तर प्रदेश में अब घंटों में नहीं, मिनटों में होगी कोरोना की जांच
Covid-19: उत्तर प्रदेश में अब घंटों में नहीं, मिनटों में होगी कोरोना की जांच

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सब कुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक और रिकॉर्ड अपने नाम करेगी। जल्द ही यहां कोरोना की जांच रैपिड किट से शुरू हो जाएगी। ऐसा हुआ तो उप्र ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा। चूंकि यह जांच संदिग्ध के खून से होगी लिहाजा नतीजे कुछ मिनटों में ही आ जाएंगे। अभी यह जांच संदिग्ध के स्वब (थूक लार) से होती है। इसके नतीजे सात-आठ घंटे में मिलते हैं। रैपिड किट से जांच में रोग का जल्दी पता लगने पर शुरुआती अवस्था में संक्रमण का इलाज प्रभावी होगा।

रैपिड किट बनाने वाली दो इकाईयां
उप्र में रैपिड किट बनाने वाली दो इकाईयां हैं। नोएडा की नू लाइफ और लखनऊ की वायोजेनिक्स। दोनों कोरोना के संक्रमण के पहले क्रियाशील नहीं थीं। संक्रमण के बाद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ने इनके प्रबंधतंत्र से लगातार बात कर इनको सक्रिय किया। नू लाइफ द्वारा तैयार किट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वयोरोलजी-पुणे (एनआईवी) से मंजूरी मिल चुकी है।

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आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) पहले ही रैपिड किट के प्रयोग की मंजूरी दे चुका है। ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी के किट्स जांच के लिए मौजूद होंगे। वायोजेनिक्स की किट अभी मंजूरी की प्रक्रिया में है। उत्पादन शुरू होने पर इनकी रोज की क्षमता करीब 50 हजार रैपिड किट्स तैयार करने की होगी।

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प्रमुख सचिव एमएसएमई विभाग नवनीत सहगल ने बताया कि यूपी में दो यूनिट इस पर रिसर्च कर रही थी। इन्हें मंजूरी दे दी गयी है। यह रैपिड किट इसका उत्पादन शुरू कर रहे हैं। एमएसएमई विभाग इसकी मदद कर रहा है। यूपी में बनने से काफी राहत मिलेगी। इसे अभी तक बाहर से मांगना पड़ता था। इसके दाम भी कम हो जाएंगे। प्रदेश में चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सहगल ने बताया कि पीपीई की कई इकाइयां चल रही हैं। बड़े पैमाने पर मस्क बनाने का काम भी चल रहा है। हमारा विभाग इन इकाइयों को हर तरह का प्रोत्साहन दे रहा है।

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उप्र पूल टेस्टिंग के जरिए कोरोना के संदिग्धों की जांच करने वाला पहला राज्य बना
मालूम हो कि हाल ही में उप्र पूल टेस्टिंग के जरिए कोरोना के संदिग्धों की जांच करने वाला पहला राज्य बना। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में रैपिड किट से कोरोना की जांच करने वाला यूपी पहला राज्य बनेगा। केजीएमयू की माइक्रोबायलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ़ शीतल वर्मा ने बताया कि रैपिड किट से जांच का समय उसकी गुणवत्ता पर अधारित होता है। कुछ 15 मिनट और कुछ 5 मिनट में जांच कर सकती हैं। इसकी जांच में 100 से 500 के बीच में होती है। यह भी स्टैंडर्ड पर आधारित है। यह हॉट-स्पाट इलाके में लार्ज स्केल स्क्रीनिंग में काफी मदद्गार साबित हो सकती है।

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गोरखपुर के वरिष्ठ चिकित्सक ड़ॉ आलोक कुमार गुप्ता के अनुसार शरीर में किसी तरह का संक्रमण होने पर उसमें एंटीबॉडीज विकसित होती है। इसकी जांच के लिए जो खून लिया जाता है उसके सीरम को एलाइजा किट पर जांच के लिए डाला जाता है। संक्रमण की स्थिति में इसका रंग बदल जाता है। जांच के नतीजे जल्दी आ जाते हैं।

 

Created On :   18 April 2020 7:00 AM GMT

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