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दैनिक भास्कर हिंदी: JNU Violence: जेएनयू ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट, क्राइम ब्रांच करेगी जांच
हाईलाइट
- देर रात हमलावरों ने किया हमला
- हमले में 25 से अधिक छात्र घायल
- दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक बार फिर बड़ा बवाल हुआ है। रविवार देर रात को यूनिवर्सिटी कैंपस में कुछ नकाबपोश हमलावरों ने हमला कर दिया। जिसमें कई छात्र-घात्राएं घायल हो गए। फिलहाल एम्स में भर्ती सभी घायलों को छुट्टी दे दी गई है। इस पर अब राजनीति तेज हो गई है। देश के कई हिस्सों मे छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हिंसा को अंजाम दिया है। वहीं, एबीवीपी ने लेफ्ट विंग पर मारपीट करने का आरोप लगाया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हिंसा की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि पता चल सके इस पूरे कांड के पीछे कौन षड्यंत्रकारी है।
Akhilesh Yadav,Samajwadi Party: Country and the world saw how masked attackers entered JNU campus in Delhi and wreaked havoc in a planned manner. Fair investigation is needed because we should know who was main conspirator behind this. #JNUViolence pic.twitter.com/jjhJPsJKAU
— ANI UP (@ANINewsUP) January 6, 2020
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह लोकतंत्र पर खतरनाक और नियोजित वार है। दिल्ली की पुलिस केजरीवाल के नियंत्रण में नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन है। एक तरफ उन्होंने गुंडे भेजे और दूसरी तरफ पुलिस को निष्क्रिय कर दिया।
West Bengal CM: Delhi's Police is not under Arvind Kejriwal rather it is under Central Govt. On one side they have sent the BJP goons & on the other side they made the Police inactive. What can Police do if they are directed by higher authority. This is a fascist surgical strike. https://t.co/oNtR1vxKCl pic.twitter.com/DivFnvGOr8
— ANI (@ANI) January 6, 2020
असदुद्दीन ओवैसी ने जेएनयू हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि सत्ता में बैठे लोगों ने इन्हें हरी झंडी दी थी। सबसे बुरी बात तो ये है कि पुलिस ने इन लोगों को सुरक्षित गुजरने दिया।
A Owaisi: I condemn this violence. There is no doubt these ppl were given the green signal by the powers that be. They had covered their faces in a cowardly way and were allowed to enter JNU with rods&sticks.Worst is there is a video which shows Police allowed them safe passage pic.twitter.com/P70lSm7xjh
— ANI (@ANI) January 6, 2020
हैदराबाद में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स के कार्यकर्ताओं ने ओस्मानिया विश्वविद्लाय में जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया।
Hyderabad: Progressive Democratic Students Union(PDSU) activists protest in Osmania University against yesterday's #JNUViolence pic.twitter.com/un69Gtl3vU
— ANI (@ANI) January 6, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम हमले की निंदा करते हैं। कांग्रेस, वामपंथी, आप और कुछ अराजक तत्व देशभर के यूनिवर्सिटी में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं।
Union Minister Prakash Javadekar: We condemn the violence in JNU. This needs to be investigated. Congress, Communists, AAP and some elements want to create environment of violence in universities across the country. #JNUViolence pic.twitter.com/jfh4wtDkh6
— ANI (@ANI) January 6, 2020
जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के सीनियर वार्डन आर मीणा ने इस्तीफा दे दिया है।
R. Meena, senior warden of Sabarmati Hostel of Jawaharlal Nehru University (JNU) has resigned stating, 'we tried but could not provide security to hostel.' #JNUViolence pic.twitter.com/9K68Fe1LIX
— ANI (@ANI) January 6, 2020
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
LIVE: Shri @rssurjewala addresses media at AICC HQ https://t.co/eueywO96hL
— Congress Live (@INCIndiaLive) January 6, 2020
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस बारे में कुछ भी बोलना अभी उचित नहीं है। यूनिवर्सिटी को राजनीति का अड्डा बनाना ठीक नहीं है। छात्रों को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
Union Minister Smriti Irani on #JNUViolence: Investigation has begun,so will not be right to speak on it now, but Universities should not be turned into hubs of politics, neither should students be used as political pawns. pic.twitter.com/Gor1mONKuM
— ANI (@ANI) January 6, 2020
सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया की जांच होगी: डीसीपी देवेंद्र आर्य
Devendra Arya,DCP (South-West): We have taken cognizance of yesterday's #JNUViolence and have registered an FIR. Social media and CCTV footages will be part of investigation. pic.twitter.com/Nyfl4YCBTb
— ANI (@ANI) January 6, 2020
गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और कहा कि वो जेएनयू के प्रतिनिधियों से बात करें।
Sources: Home Minister Amit Shah speaks to Delhi Lieutenant Governor Anil Baijal, requests him to call representatives from Jawaharlal Nehru University (JNU) & hold talks. #JNUViolence pic.twitter.com/CD8FsaCcnM
— ANI (@ANI) January 6, 2020
वामपंथी छात्र खराब कर रहे जेएनयू की छवि: गिरिराज सिंह
Union Minister Giriraj Singh on #JNUViolence: Left students are defaming Jawaharlal Nehru University (JNU), they have turned the University into a centre of hooliganism. pic.twitter.com/AmjPiEnB3r
— ANI (@ANI) January 6, 2020
बसपा प्रमुख मायावती और मध्यप्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने ट्वीट कर घटना पर सरकार पर हमला किया।
JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 6, 2020
JNU विश्वविद्यालय के छात्राओं के होस्टल में रात को घुस कर ABVP के गुण्डों द्वारा जो मार पीठ की है उसकी मैं घोर निंदा करता हूँ। दिल्ली पुलिस देखती रही। क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुण्डों पर सख़्त कार्यवाही करें या इस्तीफ़ा दें। https://t.co/8qoVmpXQa2
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 6, 2020
आक्रोशित छात्रों ने पुलिस को परिसर में मार्च करने से रोका
जेएनयू परिसर में कुछ देर की शांति के बाद सोमवार तड़के तनाव फिर बढ़ गया। आक्रोशित छात्रों ने विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आर.एस. कृष्णया की अगुआई में परिसर में हो रहे पुलिस मार्च को अवरुद्ध कर दिया। छात्रों ने साबरमती टी-पॉइंट पर पुलिस मार्च रोक दिया। पुलिस ने हालांकि उन छात्रों के अवरोध से बचते हुए कनवेंशन सेंटर की तरफ मार्च जारी रखा। लेकिन उनके थोड़े ही आगे बढ़ते ही प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक बार फिर पुलिस का मार्ग रोक दिया।
प्रियंका गांधी जेएनयू के घायल छात्रों से मिलने एम्स पहुंचीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को एम्स पहुंचकर वहां उपचाराधीन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के घायल छात्रों से बात की। विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को दो गुटों के बीच झड़प के दौरान घायल छात्रों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रियंका गांधी ने घायल छात्रों से मिलने सीधे एम्स पहुंची थीं।
पुलिस कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
छात्रों पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित की है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह यह जांच करेंगी। जेएनयू में हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूरी जानकारी मांगी है।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।