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निर्मला सीतारमण का स्पष्टीकरण, वित्त मंत्रालय में मीडिया की एंट्री पर कोई पाबंदी नहीं

हाईलाइट
- वित्त मंत्रालय में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी को लेकर निर्मला सीतारमण ने दिया स्पष्टीकरण
- कहा- मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी की खबर को खारिज करते हुए स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि, मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है। निर्मला सीतारमण के कार्यालय से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है, वित्त मंत्रालय के भीतर मीडियाकर्मियों के प्रवेश के संबंध में एक प्रक्रिया तय की गई है और मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर कोई पाबंदी नहीं है।
Clarification on media reports alleging that media persons have been banned from entering the Ministry of Finance, North Block. pic.twitter.com/T2muJ6NV0J
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) July 9, 2019
दरअसल कहा जा रहा था कि, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने नॉर्थ ब्लॉक में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सिर्फ उन्हीं मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अंदर जाने दिया जा रहा है जिन्होंने पहले से अधिकारियों से मिलने का समय ले रखा है। इस संबंध में निर्मला सीतारमण के कार्यालय से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया, पीआईबी से मान्यता प्राप्त सहित सभी मीडियाकर्मियों को पहले से लिए गए अपॉइंटमेंट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक में प्रवेश पर और कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मीडियाकर्मी अधिकारियों से मिलने के लिए समय ले सकते हैं। मिलने का समय लेने के बाद पीआईबी कार्ड धारकों को अलग से प्रवेश पास बनवाने की जरूरत नहीं होगी। उसमें लिखा गया है कि यह स्पष्ट किया जाता है वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
बता दें कि, वित्त मंत्रालय के कार्यालय वाला नॉर्थ ब्लॉक सिर्फ बजट पेश होने से पहले दो महीने तक मीडिया की पहुंच से दूर रहता था। लेकिन इस साल 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद भी मंत्रालय के गेट पर तैनात गार्ड बिना अपॉइंटमेंट के पत्रकारों को एंट्री नहीं दे रहे हैं। यहां तक कि पीआईबी कार्ड धारक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी रोका जा रहा है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।