मैं मुस्लिम की तरह ही रहना चाहती थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट गई : हादिया

I want to live as a Muslim so I approached the Supreme Court says Hadiya
मैं मुस्लिम की तरह ही रहना चाहती थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट गई : हादिया
मैं मुस्लिम की तरह ही रहना चाहती थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट गई : हादिया

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के कथित लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को हादिया उर्फ अखिला अशोकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हादिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए दावा किया कि उन्हें घर में बंद कर दिया गया था। हादिया ने कहा कि वो अपनी जिंदगी एक मुसलमान की तरह बिताना चाहती थीं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए हादिया और शफीन जहां की शादी को बहाल करने का फैसला सुनाया है।

हादिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा?

- मैंने दो कारणों से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पहला कारण था कि मैं एक मुसलमान के रूप में ही अपना जीवन बिताना चाहती थी और दूसरा कारण था कि मैं अपने पार्टनर (शफीन जहां) के साथ ही रहना चाहती थी।

- मैं कोर्ट के फैसले से खुश हूं। मेरी लड़ाई तब शुरू हुई, जब मैंने शादी की। फिर मैं कोर्ट पहुंची। मुझे बहुत टॉर्चर सहना पड़ा। कोर्ट की लड़ाई में मेरी कस्टडी मेरे माता-पिता को सौंप दी गई। 

- मुझे घर में ही बंद कर दिया गया था, इसलिए मुझे नहीं कुछ भी पता नहीं था। बाहर निकलती तो पता चला कि कितने लोग मेरे लिए काम कर रहे हैं। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मेरी आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।

- मैं किसी के ऊपर भी आरोप नहीं लगाना चाहती। मेरी जिंदगी के 2 साल सिर्फ कानूनी लड़ाई लड़ने में बीत गए। तब जाकर सुप्रीम कोर्ट ने मुझे अपने पति से मिलने की इजाजत दी। आखिरकार मुझे न्याय मिला।

- संविधान मुझे मेरा पति चुनने की इजाजत देता है, लेकिन मुझे अपने ही घर में बंद कर दिया गया। मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि मैंने कोई गलती नहीं की, लेकिन मुझे घर में कैद कर दिया गया जो इस देश में नहीं होना चाहिए।

3 बच्चों की मां की सुप्रीम कोर्ट से अपील- निकाह हलाला-बहुविवाह पर रोक लगाई जाए

इस्लाम कबूलने की वजह से हुआ विवाद

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद हादिया शनिवार को केरल पहुंची। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि ये विवाद सिर्फ इसलिए हुआ, क्योंकि उन्होंने इस्लाम कबूल लिया था। हादिया ने कहा था कि "संविधान अपना धर्म चुनने की आजादी देश के हर नागरिक को बराबर रूप से देता है, ये हर नागरिक का मौलिक अधिकार है कि वह अपने अनुसार किसी भी धर्म को अपना सके और मेरा यह विवाद सिर्फ इस्लाम कबूलने की वजह से ही हुआ है।" 

"शादी का मतलब ये नहीं कि सेक्स करने का कानूनी अधिकार मिल गया"

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया था फैसला? 

 

केरल के कथित लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें हादिया-शफीन जहां की शादी को रद्द करने का फैसला दिया गया था। अपना फैसला देते हुए हादिया और शफीन जहां की शादी को बहाल कर दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि "हादिया और शफीन अब पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने इस केस में फैसला सुनाते हुए कहा था कि "आर्टिकल 226 के तहत केरल हाईकोर्ट हादिया-शफीन की शादी को रद्द नहीं कर सकती है।" कोर्ट ने कहा कि "केरल हाईकोर्ट का फैसला पूरी तरह गलत था। इसलिए अब हादिया अपने पति शफीन जहां के साथ रह सकेंगी।" हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि "NIA इस मामले में अपनी जांच जारी रख सकती है।"

एडल्टरी मामलों में महिलाएं भी अपराधी? 5 जजों की बेंच लेगी फैसला

क्या था पूरा मामला? 

दरअसल, केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने दिसंबर 2016 में शफीन जहां नाम के मुस्लिम लड़के से शादी कर ली थी। लड़की के पिता केएम अशोकन ने आरोप लगाया था कि ये लव जिहाद का मामला है और उनकी बेटी का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करवाई गई है। अखिला उर्फ हादिया के पिता केरल हाईकोर्ट में इस शादी के खिलाफ पिटीशन फाइल की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 25 मई 2017 को ये शादी रद्द करते हुए हादिया को उसके माता-पिता के पास रहने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हादिया के पति शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए हादिया और शफीन जहां की शादी को बहाल कर दिया।

Created On :   12 March 2018 2:26 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story