उपलब्धि: इतिहास में पहली बार, इंडियन वॉर शिप पर तैनात होंगी 2 महिला अफसर

In a historic first, two women officers to be posted on Indian Navy warships
उपलब्धि: इतिहास में पहली बार, इंडियन वॉर शिप पर तैनात होंगी 2 महिला अफसर
उपलब्धि: इतिहास में पहली बार, इंडियन वॉर शिप पर तैनात होंगी 2 महिला अफसर
हाईलाइट
  • इंडियन नेवी के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा
  • कुमुदिनी त्यागी और रीति सिंह को एयरबोर्न टैक्टीशियंस के रूप में चुना गया है
  • दो महिला अफसरों को भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन नेवी के इतिहास में पहली बार दो महिला अफसरों को भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा। दोनों महिला अफसर सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह को एयरबोर्न टैक्टीशियंस के रूप में चुना गया है। इससे पहले, भारतीय नौसेना में विभिन्न रैंकों में कार्यरत होने के बावजूद महिलाओं को युद्धपोतों पर तैनात नहीं किया गया था। नौसेना में अब तक महिला अफसरों को फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट तक सीमित रखा गया था।

त्यागी और सिंह दोनों को सोमवार को केरल के कोच्चि शहर में दक्षिणी नौसेना कमान में भारतीय नौसेना के "ऑब्जर्वर" के रूप में स्नातक होने पर "विंग्स" से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम कोच्चि में आईएनएस गरुड़ पर हुआ। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि दोनों अधिकारी नौसेना के 17 अधिकारियों के समूह का हिस्सा हैं, जिनमें 13 अफसर रेगुलर बैच से हैं और चार महिला अफसर शॉर्ट सर्विस कमीशन से हैं। ये अफसर भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के समुद्री टोही जहाजों और पनडुब्बी-रोधी जंगी जहाजों में तैनात होंगे।

सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी।
सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी

समारोह की अध्यक्षता चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने की, जिन्होंने स्नातक करने वाले अधिकारियों को पुरस्कार और विंग प्रदान किए। जॉर्ज ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर जो अंततः भारतीय नौसेना के अग्रिम युद्धपोतों में महिलाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगा। दोनों महिला अफसर नौसेना के नए MH-60 R हेलीकॉप्टरों में उड़ान भरेंगी, जो दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह।
सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह

सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी के पिता भी नौसेना में थे। त्यागी ने कहा कि ट्रेनिंग कठोर थी। हम दोनों ने 60 घंटे से अधिक का प्रशिक्षण पूरा किया है। हमारे साथ समान व्यवहार किया गया। मेल काउंटरपार्ट को जो ट्रेनिंग दी गई, हम भी उसी ट्रेनिंग से गुजरे... . यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। बता दें कि 91 वें रेगुलर कोर्स और 22 वें एसएससी ऑब्जर्वर कोर्स के अफसरों को एयर नेविगेशन, फ्लाइंग प्रोसिजर, एयर वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर का प्रशिक्षण दिया गया।

Created On :   21 Sep 2020 3:09 PM GMT

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