भारत तथा जापान ने स्वतंत्र और खुाले भारत प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य केप्रति सहमति जताई
- दोनों मंत्रियों के बीच यह बातचीत 45 मिनट तक चली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और जापान ने बहुपक्षीय बातचीत से दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताते हुए उनके बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरा होने पर इस वर्ष के अंत तक जापानी प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा की भारत यात्रा की योजना बनाई है।
आस्ट्रेलिया के मेलबर्ने में शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर और जापानी विदेश मंत्री योशिमाशा हायासी ने कवाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर पहली व्यकितगत बैठक में इस बात पर सहमति जताई। इस संगठन में भारत और जापान के अलावा आस्ट्रेलिया तथा अमेरिका भी हैं। ये सभी भारत -प्रशांत क्षेत्र को कारोबार के नजरिए से और अधिक सुगम बनाने के पक्ष में है।
दोनों मंत्रियों के बीच यह बातचीत 45 मिनट तक चली और इसमें उन्होंने जापान-भारत साझेदारी को जीवंत करने के लिए स्पष्ट वार्ता का स्वागत किया । इस दौरान स्वतंत्र और खुले भारत प्रशांत क्षेत्र की प्राप्ति की दिशा में क्वाड सहयोगियों ऑस्ट्रेलिया तथा अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की पुष्टि की गई।
जापानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, विशेष रूप से, उन्होंने भारत प्रशांत सामुद्रिक पहल और तीसरे विश्व के देशों में जापान-भारत सहयोग के माध्यम से संपर्क बढ़ाने की सहमति व्यक्त की।
श्री हयाशी ने कहा कि बुनियादी मूल्यों को साझा करने वाले और नियम-आधारित प्रक्रिया के महत्व की वकालत करने वाले इन दोनों देशों के लिए यह अधिक महत्वपूर्ण होता जा रहा है। यह अनिश्चित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी के तहत आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक है।
श्री जयशंकर ने इस दौरान कहा कि 70 वीं वर्षगांठ जापान-भारत संबंधों को और भी मजबूत करने का अवसर है तथा वह मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत को साकार करने की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों में जापान के साथ सहयोग को विस्तार करने के इच्छुक हैं।
जापानी विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों मंत्रियों ने उचित समय पर प्रधान मंत्री किशिदा की भारत यात्रा को साकार करके दोनों नेताओं की वार्षिक पारस्परिक यात्रा को महत्व दिया है जो दोनों पक्षों के लिए सुविधाजनक है।
दोनों मंत्रियों ने भारत-जापान विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक के अगले दौर में सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के अलावा बहुस्तरीय संवादों और साइबर, अंतरिक्ष, समुद्री, निरस्त्रीकरण और अप्रसार और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मामलों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
श्री जयशंकर ने शुक्रवार दोपहर ट्वीट किया, श्री हयाशी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत दो आभासी चर्चाओं के बाद हुई। हम अपने नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी करते हैं।
भारत और जापान ने आज आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें डिजिटल, जलवायु परिवर्तन , स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ फाइव जी, समुद्र के भीतर केबल और आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन जैसे आर्थिक सुरक्षा सहयोग शामिल है।
इसके अलावा, श्री जयशंकर और श्री हयाशी ने भारत के पूर्वोतर क्षेत्र में चल रही साझेदारी और दोनों देशों की प्रमुख परियोजना हाई-स्पीड रेल परियोजना को लगातार आगे बढ़ाने पर बात की।
उन्होंने 70वीं वर्षगांठ के विभिन्न अवसरों का लाभ उठाते हुए प्रतिभाशाली आईटी कर्मचारियों और भारत के विशिष्ट कुशल श्रमिकों के उपयोग करने पर जोर दिया। इस बैठक में आपसी जन संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विचार साझा किए गए।
बयान में कहा गया, दोनों मंत्रियों ने म्यांमार जैसे क्षेत्रीय मामलों में सहयोग , विश्व व्यापार संगठन, निरस्त्रीकरण और अप्रसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार सहित अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
गौरतलब है कि इंडियानैरेटिव ने पहले बताया था कि अपने पूर्ववर्ती शिंजो आबे और योशीहिदे सुगा की तरह, श्री किशिदा भारत के साथ जापान के जुड़ाव को महत्व देते हैं।
सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क शहर में उद्घाटन बैठक और अक्टूबर 2020 में टोक्यो के बाद क्वाड विदेश मंत्रियों की यह तीसरी व्यक्तिगत बैठक थी। इससे पहले दोनो मंत्रियों की आखिरी मुलाकात वर्चुअल तरीके से फरवरी 2021 में हुई थी।
(आईएएनएस)
Created On :   11 Feb 2022 11:00 PM IST