ऑपरेशन ब्लंडर: जब 3 अक्टूबर को इंदिरा गांधी हुईं थी गिरफ्तार
- 3 अक्टूबर को गिरफ्तार हुईं थी इंदिरा गांधी
- उस समय देश में जनता पार्टी की सरकार थी
- चौधरी चरण सिंह उस समय देश के प्रधानमंत्री थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आज (3 अक्टूबर) के दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। 1977 में इस दिन इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया गया था। इंदिरा की गिरफ्तारी के समय देश में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार थी। उस समय चौधरी चरण सिंह देश के केंद्रीय गृहमंत्री थे। बाद में सबूतों के अभाव के कारण इंदिरा को रिहा करना पड़ा था। सरकार के इस कदम से इंदिरा गांधी के प्रति लोगों में संवेदना जागृत हो गई थी, इसलिए सरकार के इस कदम को गलती मानते हुए इसे "ऑपरेशन ब्लंडर" नाम दिया गया था।
इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर बड़कल लेक गेस्ट हाउस में रखा जाना था, लेकिन उन्हें किसी कारण से वहां नहीं रखा जा सका। रात के समय उन्हें किंग्सवे कैंप की पुलिस लाइन के गैजेटेड ऑफिसर्स मैस लाया गया। 4 अक्टूब 1977 को उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के मांगने पर गिरफ्तारी के सबूत ही पेश नहीं किए जा सके। मजिस्ट्रेट ने हैरानी जताते हुए इंदिरा को बरी कर दिया।
इंदिरा को गिरफ्तार करने की तारीख पहले 1 अक्टूबर तय की गई थी, लेकिन चौधरी चरण सिंह की पत्नी ने इस दिन रोक लगा दी। उन्होंने तर्क दिया कि 1 अक्टूबर को शनिवार है, इसलिए गिरफ्तारी से समस्या खड़ी हो सकती है। इसके बाद चरण सिंह ने गिरफ्तारी की तारीख 2 अक्टूबर तय की, लेकिन उनके दामाद के करीबी IPS दोस्त और उनके स्पेशल असिस्टेट वियज करण ने 2 अक्टूबर के बाद गिरफ्तारी के लिए कहा। इंदिरा गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 3 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तत्कालीन CBI निदेशक एनके सिंह ने इंदिरा गांधी को भी एफआईआर की एक प्रति दे दी थी।
इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी का कारण आपातकाल को भी माना जाता है। आपातकाल के दौरान कई नेताओं को जेल भेज दिया गया था। उस दौरान हुई नाइंसाफी और अत्याचार से कई नेता नाराज थे। वो चाहते थे कि इंदिरा गांधी को भी जेल भेजा जाए। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं थीं। तत्कालीन गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह जनता पार्टी की सरकार आते ही इंदिरा को गिरफ्तार करवाना चाहते थे, लेकिन मोरारजी देसाई कानून के खिलाफ जाकर कुछ करने को तैयार नहीं थे। उनका मानना था कि बिना ठोस सबूत के इंदिरा को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद चौधरी चरण सिंह किसी मजबूत केस की तलाश में लग गए और उन्हें जीप स्कैम की शक्ल में केस मिल गया।
इंदिरा गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव प्रचार में जिन जीपों का इस्तेमाल किया उसकी खरीदी में भ्रष्टाचार हुआ था। दरअसल, इंदिरा गांधी के लिए चुनाव प्रचार के मकसद से 100 जीपें खरीदी गई थीं। विरोधियों ने आरोप लगाया कि ये जीपें कांग्रेस पार्टी के पैसे से न खरीदकर उद्योगपतियों के पैसे से खरीदी गईं थीं। साथ ही सरकारी पैसे के इस्तेमाल का आरोप भी विपक्षियों ने लगाया था।
Created On :   3 Oct 2018 1:24 PM IST