झारखंड में अदालतों की सुरक्षा से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की फटकार

Jharkhand High Court reprimanded in the matter related to the security of courts
झारखंड में अदालतों की सुरक्षा से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की फटकार
कार्य पर नाराजगी झारखंड में अदालतों की सुरक्षा से जुड़े मामले में हाईकोर्ट की फटकार
हाईलाइट
  • कार्य होने पर नाराजगी

डिजिटल डेस्क, रांची। राज्य की अदालतों की सुरक्षा को लेकर दाखिल पीआईएल पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य के भवन निर्माण सचिव को कड़ी फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने जिला एवं अनुमंडल अदालतों के भवन और बाउंड्री निर्माण में आधा-अधूरा तरीके से कार्य होने पर नाराजगी जताई।

चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली बेंच ने भवन निर्माण सचिव से कहा कि घाटशिला के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज ने भवन निर्माण विभाग के एक जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कंप्लेन किया था लेकिन उसपर कार्रवाई नहीं की गई। अदालत जब इस पर सख्त हुई तो आनन-फानन में उसका ट्रांसफर किया गया। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसा लगता कि जूनियर इंजीनियर बादशाह बन बैठे हैं। वे डिस्ट्रिक्ट जज तक की नहीं सुनते हैं।

कोर्ट ने भवन निर्माण सचिव से गिरिडीह सिविल कोर्ट के भवन के बारे में भी जानकारी मांगी और कहा कि वहां के लापरवाह अभियंता पर क्या कार्रवाई हुई? भवन निर्माण विभाग में तीन साल से अधिक समय से अभियंता एक जगह पर जमे हैं, उनका ट्रांसफर क्यों नहीं किया जा रहा?

पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने अदालतों और न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने बताया है कि अदालतों की सुरक्षा में 1900 जवान पदस्थापित हैं। सेना से रिटायर सैनिकों की सेवा के साथ-साथ जैप (झारखंड आम्र्ड फोर्स) के जवानों के पदस्थापन पर विचार किया जा रहा है। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। अदालतों की बाउंड्री वाल ऊंची की जा रही है और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है।

 

आईएएनएस

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Created On :   22 Nov 2022 9:00 AM GMT

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