सबरीमाला: पांचवे दिन भी नहीं मिला प्रवेश, 2 महिलाओं को आधे रास्ते से लौटाया
- सेव सबरीमाला कैंपेन चला रहे संगठन ने नहीं जाने दिया मंदिर
- दो महिलाओं को बिना दर्शन के लौटना पड़ा
- शुक्रवार को भी रोका था दो महिलाओं को
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पांच दिन बाद भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश नहीं मिल सका है। रविवार को पांचवे दिन दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन SAVE सबरीमाला कैंपेन चला रहे संगठन ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया। इसके बाद महिलाओं को मजबूरन वापस आना पड़ा।
इससे पहले अयप्पा के दर्शन करने शुक्रवार को पहुंची दो महिलाओं को भी खाली हाथ लौटना पड़ा था। सुरक्षा के लिहाज से महिलाएं अपने साथ 100 पुलिसकर्मियों को भी साथ ले गई थीं। इसके बाद भी मंदिर प्रबंधन ने उन्हें मंदिर में घुसने नहीं दिया। कविता जक्कल और रेहाना फातिमा नाम की ये महिलाएं अयप्पा के दर्शन करने मंदिर के दरवाजे तक तो पहुंची थीं, लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। केरल के आईजी ने कहा कि हम दोनों महिलाओं को लेकर मंदिर तक तो पहुंच गए थे, लेकिन मंदिर के पुजारी ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया।
आईजी ने कहा कि तंत्री (मंदिर के पंडित) ने उन्हें चेतावनी दी कि महिलाओं को आगे ले जाने की कोशिश की तो मंदिर बंद कर दिया जाएगा। फातिमा समाज सेविका, जबकि कविता पत्रकार हैं। कविता और उनके 4 साथी 80 पुलिसकर्मियों के घेरे में चल रहे थे, जबकि 20 पुलिसकर्मी रास्ता क्लीयर करते हुए आगे चल रहे थे। दो घंटे पैदल चलने के बाद सभी मंदिर के कपाट तक पहुंचे थे। पुलिस महानिरीक्षक एस श्रीजीत के नेतृत्व में दोनों महिलाओं ने करीब 6.45 बजे चढ़ाई शुरू की थी। एक प्रदर्शनकारी भक्त ने रास्ते में इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे हटा दिया, हालांकि, भक्तों का एक समूह मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने खड़ा हुआ है, जहां से मंदिर जाया जाता है।
Created On :   21 Oct 2018 2:10 PM IST