मप्र : पहली प्राथमिकता पर बरैया का नाम लाने कांग्रेसी नेता लामबंद
- मप्र : पहली प्राथमिकता पर बरैया का नाम लाने कांग्रेसी नेता लामबंद
भोपाल, 21 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में सत्ता हाथ से निकलते ही कांग्रेस के सियासी गणित बदलने लगे हैं। कांग्रेस नेता राज्य में दलित वोटबैंक को मजबूत करना चाहते हैं, जिसके चलते नेताओं ने पार्टी हाईकमान से राज्यसभा चुनाव में पहली प्राथमिकता पर दलित नेता फूल सिंह बरैया का नाम लाने के लिए पार्टी हाईकमान को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राज्य के ज्यादातर कांग्रेस नेता हाथ से सत्ता जाने से दुखी हैं और कांग्रेस की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस के प्रमुख नेताओं मुकेश नायक, रामनिवास रावत, सुरेश पचौरी, उमंग सिंगार, राजेंद्र सिंह सहित लगभग एक दर्जन नेताओं ने बैठक कर राज्यसभा चुनाव के लिए पहली प्राथमिकता पर फूल सिंह बरैया का नाम रखने की मांग की है।
ज्ञात हो कि राज्य में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। वर्तमान विधायकों की संख्या के आधार पर एक सीट कांग्रेस और दो सीट भाजपा के खाते में जानी है। कांग्रेस ने दो उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है। पहली प्राथमिकता पर दिग्विजय सिंह और दूसरी प्राथमिकता पर फूल सिंह बरैया का नाम है।
कांग्रेस नेताओं की शुक्रवार रात हुई बैठक में 25 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मंथन किया गया। इन नेताओं का कहना है कि जिन 25 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव प्रस्तावित हैं, उन स्थानों पर 50,000 से ज्यादा वोटर दलित वर्ग से हैं। इस स्थिति में कांग्रेस को यह संदेश देना चाहिए कि वह दलित वर्ग की पक्षधर है और यह सिर्फ फूल सिंह बरैया को राज्यसभा भेज कर दिया जा सकता है। लिहाजा पार्टी हाईकमान को फूल सिंह बरैया को पहली प्राथमिकता पर रखने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
बैठक में मौजूद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, कांग्रेस को अब अपनी रणनीति बदलना होगी। जो नेता कांग्रेस से बीते 40 सालों से सिर्फ लाभ पाते आ रहे हैं, उन्हें अब पद का मोह त्यागना होगा। वोट बैंक मजबूत करने के लिए ऐसे व्यक्ति को आगे लाना होगा, जो पार्टी के हित में हो। वर्तमान स्थिति में पार्टी को फूल सिंह बरैया जैसे नेता की जरूरत है। क्योंकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल इलाके से आते हैं और उनका वहां प्रभाव भी है। साथ ही जिन 25 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है, उनमें से 16 विधानसभा क्षेत्र इसी इलाके के हैं।
राजनीति के जानकारों की माने तो कांग्रेस के नेताओं ने यह बड़ा दांव चला है क्योंकि ज्यादातर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के भीतर टूट की वजह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ही हैं। पूर्व मंत्री मुकेश नायक तो खुले तौर पर पार्टी में हुए विभाजन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री की कार्यशैली और अपनों को उपकृत करने के लिए चली गई चालों को जिम्मेदार ठहराते आ रहे हैं।
Created On :   21 March 2020 4:01 PM IST