सांसदों का सब्सिडी छोड़ने का फैसला, कैंटीन में अब वास्तविक कीमत पर बिकेगा खाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के सदस्यों ने सर्वसम्मति से कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने का फैसला किया है। संसद की कैंटीन में खाना अब वास्तविक कीमत पर बेचा जाएगा। सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है। एक अनुमान के मुताबिक इस फैसले से सालाना 17 करोड़ रुपये बचाए जा सकेंगे।
सूत्रों ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के एक सुझाव के बाद यह निर्णय लिया गया। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सभी दलों के सदस्यों ने कैंटीन में फूड सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई। वर्ष 2015 में संसद की कैंटीन को खाने की लागत पर 80 फीसदी तक की सब्सिडी देने के तथ्य के सामने आने के बाद सस्ते खाने का मामला खूब सुर्खियों में रहा था।
उस वक्त लोकसभा में बीजू जनता दल के सदस्य वैजयंत जय पांडा ने लोकसभा स्पीकर को इसी मुद्दे पर चिट्ठी लिखी थी। पांडा ने कहा था, "जब सरकार आर्थिक रूप से मजबूत लोगों से एलपीजी सब्सिडी वापस करने के लिए कह रही है तो ऐसे में सांसदों से भी कैंटीन में सब्सिडी की वजह से मिल रही सस्ते खाने की सुविधा वापस ले लेनी चाहिए। इस कदम से लोगों में अच्छा संदेश जाएगा और सांसदों पर उनका भरोसा भी बढ़ेगा।"
इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने 31 दिसंबर 2015 को इस संबंध में एक बयान जारी कर कहा, "कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद स्पीकर ने कई फैसले किए हैं, उनमें सबसे अहम है कि संसद की कैंटीन अब ‘नो प्रॉफिट, नो लॉस’ के आधार पर काम करेगी। संसद कैंटीन में मिलने वाली विभिन्न खाद्य सामग्री के दाम बढ़ा दिए गए है। अब इनकी लागत पर जो असल खर्च आएगा, उसी दाम पर इन्हें बेचा जाएगा। हालांकि पूरी तरह से सब्सिडी कभी भी खत्म नहीं की गई।
हमारे सांसद जो अभी भुगतान करते हैं:
आइटम |
रेट (Rs) |
---|---|
ब्रेड एंड बटर | 6 |
चपाती | 2 |
चिकन करी | 50 |
चिकन कटलेट (पर प्लेट) | 41 |
तंदूरी चिकन | 60 |
कॉफी | 5 |
डोसा प्लेन | 12 |
फिश करी | 40 |
हैदराबादी चिकन बिरयानी | 65 |
मटन करी | 45 |
राइस (बॉइल्ड) | 7 |
सूप | 14 |
Created On :   5 Dec 2019 5:11 PM IST