अब किसी शादी को सीधे रद्द कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, 5 जजों की संविधान पीठ का तलाक पर बड़ा फैसला

Now the Supreme Court can directly cancel a marriage, the big decision of the constitution bench of 5 judges
अब किसी शादी को सीधे रद्द कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, 5 जजों की संविधान पीठ का तलाक पर बड़ा फैसला
तलाक पर सुप्रीम फैसला अब किसी शादी को सीधे रद्द कर सकता है सुप्रीम कोर्ट, 5 जजों की संविधान पीठ का तलाक पर बड़ा फैसला
हाईलाइट
  • अनुच्छेद 142 के तहत सुनाया फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने तलाक के मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है। 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि देश की शीर्ष अदालत को यह अधिकार है कि वह किसी शादी को सीधे रद्द कर सकती है। इस फैसले के मुताबिक शादी का जारी रहना संभव न होने पर कोर्ट अपनी तरफ से तलाक का आदेश दे सकता है। बता दें कि अभी तक आपसी सहमति से तलाक के केसों में 6 माह का इंतजार करने की कानूनी बंदिश होती थी जो कि इस फैसले के बाद अब जरूरी नहीं होगी। 

अनुच्छेद 142 के तहत सुनाया फैसला

5 जजों की संविधान पीठ ने आपसी सहमति से तलाक पर फैसला सुनाते हुए नई गाइडलाइंस जारी की। पीठ ने अपने फैसले में कहा, अगर वैवाहिक संबंध को जोड़ना असंभव हो तो कोर्ट न्याय के लिए अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करके तलाक का फैसला सुना सकता है। इसके साथ ही बेंच ने कहा कि अब आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए 6 महीने इंतजार करने की कानूनी बाध्यता नहीं होगी। इस गाइडलाइन में रखरखाव, गुजाराभत्ता और बच्चों के अधिकारों के बारे में जिक्र है। कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा, "हमने माना है कि पति पत्नी के बीच विवाह के बाद जब रिश्ते इतने बिगड़ जाएं कि उनका सुधरना संभव न हो तो इसके आधार पर तलाक करना संभव है। यह सार्वजनिक नीति के विशिष्ट या मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करेगा।''  

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले साल सितंबर में इस सवाल को लेकर सुनवाई की थी कि क्या शीर्ष अदालत को किसी शादी को सीधे रद्द करार देने का अधिकार है? या फिर उसे निचली अदालत के फैसले के बाद ही अपील सुननी चाहिए? जिसके बाद पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

Created On :   1 May 2023 6:19 AM GMT

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