Coronavirus: 84,000 लोगों पर 1 आइसोलेशन बेड, 36,000 लोगों पर 1 क्वारंटाइन बेड, जानिए कैसे हैं देश के स्वास्थ्य हालात

One isolation bed per 84000 people 1 quarantine bed per 36000 says Govt data
Coronavirus: 84,000 लोगों पर 1 आइसोलेशन बेड, 36,000 लोगों पर 1 क्वारंटाइन बेड, जानिए कैसे हैं देश के स्वास्थ्य हालात
Coronavirus: 84,000 लोगों पर 1 आइसोलेशन बेड, 36,000 लोगों पर 1 क्वारंटाइन बेड, जानिए कैसे हैं देश के स्वास्थ्य हालात
हाईलाइट
  • 1
  • 826 नागरिकों पर अस्पताल में एक बिस्तर है
  • 11
  • 600 भारतीयों के लिए एक डॉक्टर है
  • देश में 84
  • 000 भारतीयों के बीच एक आइसोलेशन बेड है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में जहां एक तरफ कोरोना वायरस को हराने के लिए हर तरह से जंग जारी है, वहीं इससे निपटने के लिए देश में संसाधनों की कमी है। देश में 84,000 भारतीयों के बीच एक आइसोलेशन बेड है, 36,000 भारतीयों के बीच एक क्वारंटाइन बेड है। 11,600 भारतीयों के लिए एक डॉक्टर है और 1,826 नागरिकों पर अस्पताल में एक बिस्तर है। ये आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए हैं, इसमें 17 मार्च तक का डाटा है। 

एक अंग्रेजी अखबार की वेबसाइट के मुताबिक, आईसीएमआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल का कहना है कि हम ट्रांसमिशन के स्टेज 2 में हैं, और इस स्तर पर सामाजिक दूरी बहुत प्रभावी है। स्टेज 3 में लॉकडाउन की आवश्यकता होती है। निगरानी आंकड़ों के आधार पर, ICMR ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि हर मामले को इस प्रकार समझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनता कर्फ्यू भविष्य के लिए अच्छा अभ्यास है। मौजूदा आंकड़ों के आधार पर, सरकार सही काम कर रही है।

शुक्रवार को पीएम मोदी का मुख्यमंत्रियों और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करने पर ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि भारत इस समय स्टेज 2 में है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इस वायरस से निपटने का यह सही वक्त है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2019 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 1,154,686 रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टर हैं और सरकारी अस्पताल में 7,39,024 बिस्तर हैं।

135 करोड़ की आबादी के लिए स्वास्थ्य का यह बुनियादी ढांचा बहुत कमजोर है. ऐसे में COVID-19 के मामले में एक समस्या यह है कि निजी क्षेत्र अभी तक प्रबंधन योजना का हिस्सा नहीं है। इसका मतलब है कि मरीजों के लिए केवल सरकारी बिस्तर उपलब्ध हैं। उनका इलाज सरकारी अस्पताल में ही होगा।
 

Created On :   23 March 2020 8:05 AM GMT

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