बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी में मचा बवाल, विपक्षी दलों के विरोध के बाद देशभर के विश्वविद्यालयों तक पहुंचा विवाद
- डॉक्यूमेंटी 'इंडिया: द मोदी क्वेचश्चन' बनाम कश्मीर फाइल्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेचश्चन' पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए छात्र किसी भी हद तक जाने को तैयार है। ताजा मामला हैदराबाद युनिवर्सिटी का है जहां, गुजरात दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए छात्र संगठनों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। एक तरफ यहां पर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन का आयोजन किया था, वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने 'द कश्मीर फाइल्स' को दिखाने की तैयारी कर ली थी। मालूम हो कि, BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित है।
बता दें कि, यह पहला मामला नहीं है जब मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए इस तरह का विवाद हो रहा है। इससे पहले दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, कोलकाता के प्रसिडेंसी यूनिवर्सिटी के अलावा केरल में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) की ओर से डॉक्यूमेंट्री को स्क्रीनिंग करने को लेकर कई खबरें सामने आ चुकी हैं।
डॉक्यूमेंटी 'इंडिया: द मोदी क्वेचश्चन' बनाम कश्मीर फाइल्स
गौरतलब है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में एसएफआई की तैयारियों के जवाब में एबीवीपी ने कैंपस में द कश्मीर फाइल्स को दिखाने का फैसला किया था। हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि यहां पर ऐसी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और हालात शांतिपूर्ण स्थिति में बने हुए है। इधर एबीवीपी ने आरोप लगाया हैं कि कैंपस में सुरक्षा अधिकारियों और उनके पदाधिकारियों के बीच आपसी झड़प हुई है।
जेएनयू परिसर में मचा बवाल
जेएनयू परिसर में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखने को लेकर हिंसक झड़प की खबरे सामने आई है। परिसर में छात्रों पर पत्थरबाजी की भी खबरे सामने आई है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन(JNUSU) का कहना है कि एबीवीपी के सदस्यों ने डॉक्यूमेंट्री देखने के दौरान पत्थरबाजी की।
वहीं लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया कि जब डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जा रही थी तब बत्ती गुल कर दी गई थी। छात्र नेता आइशी घोष ने आरोप लगाते हुए कहा कि, परिसर में बिजली क्यों काट दी गई? हिंसा क्यों हुआ? विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह घिनौना रवैया है। जानकारी के मुताबिक, जेएनयू प्रशासन ने परिसर में डॉक्यूमेंट्री स्कीनिंग की इजाजत नहीं दी थी। साथ ही प्रशासन की ओर से कहा गया था कि अगर ऐसा हुआ तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
कोलकाता में भी डॉक्यूमेंट्री को लेकर मचा बवाल
इधर कोलकाता में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी और जादवपुर यूनिवर्सिटी में विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाने की बात कही गई थी। एक तरफ प्रेसिडेंसी के छात्रों का कहना था कि दो हफ्ता के अंदर दो कैंपस में पांच बार स्क्रीनिंग की जाएंगी, तो वहीं दूसरी ओर जादवपुर यूनिवर्सिटी ने गुरूवार, शुक्रवार और अगले मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की बात कही गई थी।
इसके अलावा तमिलनाडु में छात्रों ने शुक्रवार को दोपहर तीन बजे मद्रास कॉलेज में स्क्रीनिंग की तैयारी की थी। हालांकि, इन्हें भी प्रशासन की ओर से इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। खबर है कि इस मामले में प्रशासन ने यहां पर कुल 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
पुडुचेरी में हालात ठीक नहींं
साथ ही पुलिस की टीम ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में भी 13 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, इन सभी छात्रों को गुरूवार को रिपब्लिक डे परेड के बाद छोड़ दिया गया था। पुडुचेरी में SFI और ABVP के सदस्यों के बीच हाथापाई हुई है। यहां पर छात्रों ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की शुरूआत में ही वाईफाई का कनेक्शन कट कर दिया गया था।
सरकार ने डॉक्यूमेंटी पर लगाया बेन
बीते हफ्ता भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को इंटरनेट के सभी प्लेटफॉर्म्स पर बैन करने के निर्देश दिए थें। साथ ही विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगैंडा पीस बताया था। जिसके बाद कई विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया था। कई छात्रों ने भी इसे अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ दिया है।
Created On :   27 Jan 2023 12:39 PM IST