श्रीलंका से ज्यादा कर्जे में डूबा है भारत, फिर भी नहीं होगा श्रीलंका जैसा हाल, जानिए किस वजह से बेहतर स्थिति में है हमारा देश

Sri Lanka has a debt of 51 billion dollars, while India has 12 times more debt than Sri Lanka
श्रीलंका से ज्यादा कर्जे में डूबा है भारत, फिर भी नहीं होगा श्रीलंका जैसा हाल, जानिए किस वजह से बेहतर स्थिति में है हमारा देश
कितने कर्जे में हिंदुस्तान? श्रीलंका से ज्यादा कर्जे में डूबा है भारत, फिर भी नहीं होगा श्रीलंका जैसा हाल, जानिए किस वजह से बेहतर स्थिति में है हमारा देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, राजा वर्मा।  कुछ माह पहले रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध को लेकर दुनिया भर की मीडिया में खबरें चल रही थी। लेकिन अब सबकी प्रमुख खबरों में श्रीलंका के बद से बदतर हालात को दिखाया जा रहा है। यहां हाल यह है कि मंहगाई करीब 55 फीसदी पर पंहुच गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में 70 फीसदी तक पहुंच सकती है। माना जा रहा है कि श्रीलंका की वर्तमान में हुई हालत की मुख्य वजह उसका बढ़ता हुआ कर्ज है। श्रीलंका में अभी करीब 51 अरब डॉलर का कर्ज है जिसे वह चुका नहीं पाया है। 

यहां पर पेट्रोल डीजल के साथ- साथ खाने पीने की चीजों के दाम भी असमान छू रहे हैं। इस वजह से श्रीलंका में रहने वाले लोगों के जन जीवन की रफ्तार रूक गई है। यहां से सामने आ रही तस्वीरों को देखकर लोगों के गुस्से को हम समझ सकते हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास में घुस चुके हैं। सड़कों पर जनता उतर चुकी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यहां के हालात और भी बिगड़ सकते हैं। इसी बीच कुछ लोगों भारत को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं कि भारत के  हाल भी कुछ दिनों बाद श्रीलंका जैसे हो सकते है, इसके पीछे उनका तर्क है कि भारत कर्ज के मामले में श्रीलंका से कई गुना आगे है। ऐसे में सवाल भी लाजमी है कि क्या भारत का हाल भी श्रीलंका के जैसे हो सकता है?
 
कितने कर्ज में है भारत? इस बात पर कोई संदेह नही कि भारत, श्रीलंका से ज्यादा कर्ज में है। श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर का कर्ज है वहीं भारत पर श्रीलंका की अपेक्षा 12 गुना ज्यादा कर्ज है। भारतीय रिर्जव बैंक से मार्च 2022 तक के आंकड़ो के देखें तो भारत पर करीब 620.7 अरब डॉलर का कर्ज है। यानी आंकड़ो के आधार पर भारत में एक साल में करीब 50 अरब डॉलर तक बढ़ा है।  
 

क्या भारत के हालात भी श्रीलंका के जैसे हो सकते है? 

यह बात   सही है कि भारत के  ऊपर श्रीलंका से करीब 12 गुना ज्यादा कर्ज है लेकिन यह बात भी सही है कि भले ही भारत के ऊपर ज्यादा कर्ज हो पर भारत के हालात श्रीलंका के जैसे नहीं हो सकते। भारत में बढ़े कर्ज को देखकर भले ही आपको लगे की भारत की स्थिति भी खराब हो रही है लेकिन भारत की स्थिति श्रीलंका से बिलकुल अलग है। इसे समझने के लिए हमें यहां के कर्ज का जीडीपी से अनुपात को देखना जरूरी है। मार्च 2020 में भारत के कर्ज का जीडीपी से अनुपात करीब 20.6 फीसदी था। 2021 में बढ़कर 21.1 फीसदी हो गया था वहीं यह अनुपात मार्च 2022 में घटकर 19.9 फीसदी रह गया है।  

 

बता दें किसी भी देश के कर्ज का जीडीपी से रेश्यो जितना कम होता है वह देश कर्ज को चुकाने में उतना ही सक्षम होता है। यही वजह है कि भारत में श्रीलंका जैसे हालात नहीं बन सकते। 

क्या है श्रीलंका में अनुपात?

श्रीलंका में कर्ज का जीडीपी से रेश्यो बहुत बढ़ गया है। बता दें श्रीलंका लंबे समय से कर्ज में फंसा हुआ है। यहां 2018 में कर्ज से जीडीपी का अनुपात 91 फीसदी था। वहीं अब 2021 तक यह बढ़कर 119 फीसदी पर जा पहुंचा है। 2014 में ही श्रीलंका का कर्ज से जीडीपी का अनुपात 30 फीसदी के करीब जा पहुंचा था।

विश्व बैंक की एक स्टडी के मुताबिक श्रीलंका जैसे विकासशील देशों के लिए कर्ज से जीडीपी का अनुपात लगभग 65 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इससे अधिक बढ़ने का मतलब हर एक प्वाइंट की बढ़ोतरी से उस देश की जीडीपी पर उल्टा असर पड़ेगा। यही वजह है कि श्रीलंका कर्ज डिफॉल्ट कर गया है। 

Created On :   11 July 2022 10:39 AM GMT

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