सुप्रीम कोर्ट ने एजी से पूछा - यौन अपराधियों की जमानत के क्या गाइडलाइन्स होने चाहिए

Supreme Court asks AG - What should be the guidelines for bail of sex offenders
सुप्रीम कोर्ट ने एजी से पूछा - यौन अपराधियों की जमानत के क्या गाइडलाइन्स होने चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने एजी से पूछा - यौन अपराधियों की जमानत के क्या गाइडलाइन्स होने चाहिए
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट ने एजी से पूछा - यौन अपराधियों की जमानत के क्या गाइडलाइन्स होने चाहिए

नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल और अन्य वकीलों से कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता और यौन अपराधों के आरोपियों को जमानत देते समय जिस तरह की शर्तों को निर्धारित करने की जरूरत है, उन्हें सुधारने के तरीकों की सिफारिश करें।

शीर्ष अदालत का आदेश ऐसे मामले में आया, जिसमें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक कथित छेड़छाड़ करने वाले को पीड़िता से मिलने और राखी बंधवाने का आदेश दिया था।

मामले में विस्तृत सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने एजी और सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे, महिला वकीलों का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर एडवोकेट संजय पारिख से ऐसे मामलों में दिशा-निर्देश निर्धारित करने में मदद करने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे पूछा कि यौन अपराध के मामलों में आरोपी को जमानत देते समय किस तरह की जमानत शर्ते लागू होनी चाहिए।

इससे पहले, वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर की अध्यक्षता वाली एक पीठ के सामने कहा कि जिला और अधीनस्थ न्यायालयों और उच्च न्यायालयों को भी लैंगिक संवेदनशीलता के बारे में समझाने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि शीर्ष अदालत में लैंगिक संवेदनशीलता और शिकायत निवारण समिति भी मौजूद है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए, एटॉर्नी जनरल (एजी) ने कहा कि यह सब नाटक है और इसकी निंदा करने की आवश्यकता है।

पीठ ने पूछा, क्या आप अपनी दलील के साथ एक नोट सर्कुलेट कर सकते हैं।

एजी ने लैंगिक संवेदनशीलता पर कार्यक्रम आयोजित करने वाले राष्ट्रीय और राज्य न्यायिक अकादमियों के अलावा इस मुद्दे पर न्यायाधीशों के लिए भी परीक्षा का सुझाव दिया।

एजी ने कहा, इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत के फैसले को राज्य सूचना प्रणाली पर रखा जाना चाहिए, जो अधीनस्थ अदालतों में जाएगा।

मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   2 Nov 2020 3:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story