- डेबी अब्राहम का भारतीय वीजा कैंसिल कर दिया गया
- ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम को भारत में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया
- वह सोमवार सुबह दुबई से एमिरेट्स की फ्लाइट से दिल्ली पहुंची थी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम को सोमवार को भारत में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया। वह सुबह दुबई से एमिरेट्स की फ्लाइट से दिल्ली पहुंची थी। सांसद के एक सहयोगी हरप्रीत उपल ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उनका (ब्रिटिश सांसद) भारतीय वीजा, जो अक्टूबर तक वैध था, एयरपोर्ट पर कैंसिल कर दिया गया। वीजा कैंसिल करने का कोई कारण भी नहीं बताया गया। बता दें कि अब्राहम, कश्मीर पर ब्रिटिश संसद के ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (APPG) की अध्यक्ष हैं।
एपी रिपोर्ट ने अब्राहम के एक बयान के हवाले से लिखा है कि: "मैंने यह पता करने की कोशिश की कि वीजा क्यों कैंसिल कर दिया गया और क्या मुझे वीजा ऑन अराइवल मिल सकता है? लेकिन किसी को कुछ भी नहीं पता था। यहां तक कि जो व्यक्ति चार्ज में था, उसने भी कहा कि वह कुछ नहीं जानता और जो हुआ, उसके लिए उन्होंने खेद जताया। इसलिए अब मैं डिपोर्ट के लिए इंतजार कर रही हूं। उन्होंने कहा, "मैं आशा करती हूं कि वे मुझे मेरे परिवार और दोस्तों से मिलने देंगे।"
लेबर पार्टी की सांसद हैं अब्राहम
अब्राहम विपक्षी लेबर पार्टी से संबंध रखती हैं और जनवरी 2011 से ओल्ड ग्रेटर मैनचेस्टर में ओल्डहम ईस्ट और सेडलवर्थ के निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। उस वर्ष उपचुनाव जीतने के बाद, उन्हें 2015, 2017 और 2019 में फिर से चुना गया। वह जून 2011 से मार्च 2015 तक यूके पार्लियामेंट की वर्क एंड पेंशन सिलेक्ट कमेटी की सदस्य थीं, और जुलाई 2015 में फिर से चुनी गईं। उस साल सितंबर में, उन्हें विकलांग लोगों के लिए शैडो मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
अब्राहम कश्मीर पर ब्रिटिश संसद के APPG की अध्यक्ष
अब्राहम कश्मीर पर ब्रिटिश संसद के ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (APPG) की अध्यक्ष हैं। APPG में दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं जो किसी विशेष विषय या रुचि को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ जुड़ते हैं। हालांकि वे आधिकारिक संसदीय निकाय नहीं हैं - और इसलिए संसद की सिलेक्ट कमेटी से अलग हैं। कश्मीर एपीपीजी का मकसद बातचीत के माध्यम से कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करना है। कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन को उजागर करना भी इस एपीपीजी का मकसद है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर अब्राहम ने लिखा था पत्र
5 अगस्त 2019 को भारत के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के तुरंत बाद, अब्राहम ने विदेश सचिव डोमिनिक राब को पत्र लिखा। यह पत्र उन्होंने मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को चिह्नित करने के लिए और यह पूछने के लिए लिखा था कि क्या ब्रिटेन इस मामले को सितंबर 2019 में होने जा रही यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में उठाएगा। पत्र में कहा गया था कि हम भारत के गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने से गंभीर रूप से चिंतित है।
Created On :   17 Feb 2020 8:08 PM IST