यूपी में शिक्षक भर्ती को लेकर सियासत तेज: प्रयागराज में अभ्यार्थियों का सरकार को अल्टीमेटम, नौकरी नहीं मिलने तक चलता रहेगा धरना प्रदर्शन

प्रयागराज में अभ्यार्थियों का सरकार को अल्टीमेटम, नौकरी नहीं मिलने तक चलता रहेगा धरना प्रदर्शन
  • यूपी में शिक्षक भर्ती को लेकर सियासत तेज
  • धरना दे रहे अभ्यार्थियों का सरकार को अल्टीमेटम
  • नौकरी नहीं मिलने तक चलेगा धरना प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर सियासत गरम हो रही है। प्रयागराज में शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर अभ्यार्थी लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व छात्र नेता रजत सिंह कर रहे हैं। इस धरना प्रदर्शन को लेकर अभ्यार्थियों ने मीडिया से बातचीत की। उनका कहना है कि वे बीते कई सालों से शिक्षक बनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक नौकरी नहीं मिली है। अभ्यर्थियों का साफ कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे।

प्रयागराज में अभ्यार्थियों का धरना प्रदर्शन

इस बारे में अभ्यार्थियों ने कहा कि हाल ही में करीब दो लाख पदों पर शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन कुछ ही देर बाद उसे सोशल मीडिया से हटा दिया गया। इससे अभ्यर्थियों में भारी नाराजगी है। उनका आरोप है कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को लेकर गंभीर नहीं है और बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया जा रहा है।

एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान छात्र नेता रजत सिंह ने कहा, "हम सब योग्य हैं, वर्षों से पढ़ाई कर रहे हैं, कोचिंग कर रहे हैं, और घर से पैसे मंगवा-मंगवा कर अपनी तैयारी पूरी की है। अब जब शिक्षक के एक लाख से ज्यादा पद खाली हैं, तब भी हमें नौकरी नहीं दी जा रही। विज्ञापन निकाल कर उसे डिलीट कर देना, यह हमारे साथ मजाक है। हमारी उम्र निकलती जा रही है, अब हम कब तक इंतजार करें?"

अभ्यार्थियों ने कहा - हम मानसिक रूप से परेशान हैं

अभ्यार्थियों ने आगे बताया कि वे साधारण परिवारों से आते हैं और अब परिवार भी आर्थिक रूप से टूट चुका है। ऐसे में सरकार को उनकी स्थिति पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए। इसके अलावा एक अभ्यार्थी ने कहा, "हम अच्छे घरों से नहीं हैं, घर वाले थक चुके हैं, हम खुद मानसिक रूप से परेशान हैं, लेकिन अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है।"

बता दें, धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अभ्यार्थी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया है कि यह आंदोलन अब पीछे नहीं हटेगा। उनका कहना है, "अब सरकार तय करे कि उसे लाखों बेरोजगार युवाओं को शिक्षक की नौकरी देनी है या फिर नहीं।"

मालूम हो कि, उत्तरप्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के तहत एक लाख से अधिक पद सालों से खाली हैं। कोर्ट के आदेशों और आंदोलनों के बाद भर्ती प्रक्रिया या तो टाली दी जाती है या तकनीकी कारणों से स्थागित कर दी जाती है। अभ्यर्थियों का गुस्सा अब आंदोलन का रूप ले चुका है, जो अगर जल्द नहीं सुना गया तो राज्यभर में इसका असर देखा जा सकता है।

Created On :   28 May 2025 5:37 PM IST

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