शराब और सुप्रीम सुनवाई: शराब घोटाला केस में टॉप कोर्ट ने ईडी को लगाई कड़ी फटकार

- बिना सबूत के आरोप लगाना ईडी का बना चलन
- सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी की लगाई फटकार
- मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत ने शराब घोटाला केस में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय को कड़ी फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी बिना किसी सबूत के आरोप लगा रही है और यह एक चलन सा बन गया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा, एजेंसी बेबुनियाद आरोप लगा रही है। मामले पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी।
न्यायमूर्ति अभय एस.ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ अरविंद सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाल केस में बेल की मांग की थी। पीठ ने कहा, जांच एजेंसी ने कई केस में यह तरीका अपनाया है। आप बिना किसी ठोस सबूत के केवल आरोप लगाते हैं। इस तरीके से अभियोजन पक्ष अदालत के सामने टिक नहीं पाएगा।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी.राजू ने आरोप लगाया कि अरविंद सिंह ने विकास अग्रवाल नाम के एक अन्य व्यक्ति के सहयोग से 40 करोड़ रुपये कमाए। जब अदालत ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है, तो एएसजी ने जवाब दिया कि वह फरार है। इस पर अदालत ने कहा, आपने स्पष्ट आरोप लगाया है कि अरविंद सिंह ने 40 करोड़ रुपये कमाए। अब आप इस व्यक्ति का इस कंपनी या किसी अन्य कंपनी के साथ संबंध नहीं दिखा पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, आपको यह बताना चाहिए कि क्या वह उन कंपनियों के निदेशक हैं, क्या वह शेयरधारक हैं, क्या वह प्रबंध निदेशक हैं। कुछ तो होना ही चाहिए।
इसके जवाब में एएसजी ने कहा, कोई व्यक्ति किसी कंपनियों को नियंत्रित कर सकता है। लेकिन जरूरी नहीं कि वह कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार हो। इससे पहले, टॉप कोर्ट ने 28 अप्रैल को छ्त्तीसगढ़ सरकार को फटकार लगाई थी और पूछा था कि वह प्रदेश के अधिकारियों की ओर से दर्ज शराब घोटाला केस में आरोपी को कितने समय तक जेल में रखेगी। कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया था कि इस मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं और जांच अभी भी जारी है।
Created On :   5 May 2025 6:13 PM IST