ऑपरेशन सिंदूर टिप्पणी मामला: फिर बढ़ेंगी प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की मुश्किलें? SC के आदेश पर हरियाणा सरकार ने गठित की SIT टीम

- महमूदाबाद की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें!
- ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी करना पड़ गया भारी
- एसआईटी करनेगी मामले की जांच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी करने वाले प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ हरियाणा सरकार ने एसआईटी टीम गठित की है। तीन आईपीएस अधिकारी वाली यह टीम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बनाई गई है। दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने 21 मई को हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट हेड महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दी थी। साथ ही, हरियाणा सरकार को मामले की जांच के लिए SIT गठित करने के आदेश दिए थे।
कपिल सिब्बल ने रखा प्रोफेसर का पक्ष
प्रोफेसर अली खान के एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी थी कि जो लोग बिना सोचे युद्ध की मांग कर रहे हैं, यह टिप्पणी उनके लिए की गई थी। यह टिप्पणी मीडिया के लिए थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि युद्ध के गंभीर परिणामों पर टिप्पणी करते हुए अब यह राजनीति पर उतर आए हैं? बयान को दोबारा पढ़िए। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार मिला है, लेकिन देश एक बड़े संकट से गुजर रहा है। ऐसे में इस तरह के सांप्रदायिक मुद्दों पर टिप्पणी करते का यह कौन सा समय है?
प्रोफेसर ने क्या कहा था?
अली खान ने सोशल मीडिया पर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा लंबा पोस्ट किया था। उन्होंने ऐसी टिप्पणी की थी जो भारतीय सेना और महिला सैन्य अधिकारियों के लिए अपमानजनक थी। उन्होंने लिखा- इतने सारे दक्षिणपंथी टिप्पणीकार कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ कर रहे हैं, यह देखकर मैं खुश हूं। लेकिन यह लोग शायद इसी तरह से मॉब लिंचिंग के पीड़ितों, मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने और भारतीय जनता पार्टी के नफरत फैलाने के शिकार लोगों को लेकर भी आवाज उठा सकते हैं कि इन लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए।
Created On :   28 May 2025 2:06 PM IST