डेढ़ वर्ष में 2,143 मामले : विदेश में नौकरी की चाहत में डूबे सैकड़ों

2,143 cases in one and a half year: frauds with job seekers in abroad
डेढ़ वर्ष में 2,143 मामले : विदेश में नौकरी की चाहत में डूबे सैकड़ों
डेढ़ वर्ष में 2,143 मामले : विदेश में नौकरी की चाहत में डूबे सैकड़ों

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कई गिरोह सक्रिय हैं। नौकरी और बैंक का झांसा देकर अनेक लोगों को लाखों रुपए से ठगा गया है। शहर पुलिस के साइबर सेल के पास डेढ़ वर्ष में सैकड़ों प्रकरण दर्ज हुए हैं, मगर घटित प्रकरणों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंजाम दिए जाने से आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। वर्ष 2018 में ऑनलाइन धोखाधड़ी के 1349 मामले शहर पुलिस के साइबर सेल के पास पहुंचे हैं। इसमें चालू वर्ष के 794 मामले हैं। डेढ़ वर्ष में ऐसे कुल 2,143 मामले हैं, जिनमें नौकरी लगा देने तथा संबंधित बैंक से बैंक अधिकारी होने का झांसा देकर लोगों के एटीएम का गोपनीय नंबर प्राप्त कर उनके खातोें से बड़ी रकम गायब कर दी गई है। पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला है कि ऐसे प्रकरणों को देश के विविध कोनों से और विदेश से बैठे-बैठे आरोपियों ने अंजाम दिया है। जांच में यह भी पता चला है कि इसमें बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। कई गिरोह सक्रिय हैं। स्थानीय स्तर पर उनके कुछ एजेंट हैं। उनकी मामलों में भी मदद ली जाती रही है। स्थानीय एजेंटे तो पुलिस के हाथ लग जाते है, लेकिन प्रकरण में लिप्त विदेशी चेहरों को तलाशना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। 

लाखों खर्च और प्रक्रिया में लगता है लंबा समय  

विदेशी में बैठे आरोपियों को पकड़ना िकसी चुनौती से कम नहीं है। सरकार से अनुमति प्राप्त करने की ही लंबी प्रक्रिया है। इसमें काफी समय लग जाता है। तब तक आरोपी अपना पता, ठिकाना और जो मोबाइल नंबर पुलिस ट्रेस कर चुकी होती है, उसे बदल लेते हैं। आरोपी तकनीकी मास्टर माइंड होते हैं, इसलिए हमेशा अपना नंबर बदलते रहते हैं। इसके अलावा इसमें खर्चा भी बहुत ज्यादा होता है। उपरोक्त दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि कई पीड़ित उच्च शिक्षित हैं। इनमें से अनेक विदेश में नौकरी करने की इच्छा रखते थे। उन लोगों ने इंटरनेट पर कुकुरमुत्ते की तरह उग आई कई वेबसाइटस् पर नौकरी के लिए आवेदन दिया हुआ है। धोखाधड़ी में सक्रिय आरोपियों ने पीड़ित के विदेश में नौकरी करने के सपनों को ही अपनी ठगी का जाल बनाया है। ज्यादा रकम का पैकेज और नामी कंपनी में रिक्त पदों पर भर्ती जारी होने का हवाला देकर विविध शुल्क के नाम पर पीड़ित से बड़ी रकम वसूल की है। रोजाना इस तरह के मामले पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। 

धंधा धड़ल्ले से

उपराजधानी में यह धंधा धड़ल्ले से जारी है। विदेश में नौकरी और मोटी तनख्वाह के नाम पर हर महीने ही भोले-भाले लोगों को ठगे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। भुक्तभोगी पुलिस में शिकायत करते हैं, लेकिन न तो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ पाते हैं और न ही भुक्तभोगियों का रुपया ही उन्हें मिल पाता है।

सबसे बड़ा कारण

जानकारों की मानें तो विदेश में नौकरी का वीजा या वर्क परमिट दिलाने वाली एजेंसी का विदेश मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन जरूरी है पर, विदेशों में नौकरी की चाह इस कदर सवार होती है कि पढ़े-लिखे भी ऐसे जालसाजों के जाल में आसानी से फंस जाते हैं।  

और होता यह है

कुछ एजेंट रुपये वसूलने के बाद लोगों को वर्क परमिट सौंप उन्हें विदेशों में नौकरी के लिये भेज भी देते हैं। लेकिन, कई मामलों में देखा गया है कि उन्हें जिस नौकरी व तनख्वाह का वायदा किया गया था, वहां पहुंचने पर उसे मिली ही नहीं।  

नीलेश भरणे उपायुक्त अपराध शाखा के मुताबिक पुलिस के पास अत्याधुनिक साइबर सेल है। विशेषज्ञ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी हैं। सभी मामलों को सुलझाने का प्रयास जारी है, लेकिन लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है। 
 

Created On :   14 July 2019 1:03 PM GMT

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