नकली बीज से अमरावती की सौ एकड़ कृषि भूमि प्रभावित

Amravati 100 acres of agricultural land affected by fake seeds
नकली बीज से अमरावती की सौ एकड़ कृषि भूमि प्रभावित
नकली बीज से अमरावती की सौ एकड़ कृषि भूमि प्रभावित

डिजिटल डेस्क, अमरावती। विगत तीन वर्षों से अपर्याप्त बारिश तथा  खाद और बीज की लागत भी नहीं निकल पाने  के कारण किसानों की हालत दयनीय हो गई है। इस बार भी किसानों पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। खेत में बुआई करने के  15 दिन बीत जाने के बाद भी बीज अंकुरित नहीं होने से  किसान  चिंताग्रस्त हो गए हैं। बताया जाता है कि किसानों ने अंकुर के प्रभाकर बीज का उपयोग किया था। लेकिन अंकुर न आने से करीब 100 एकड़ जमीन प्रभावित हुई है। 

उल्लेखनीय है कि  धामणगांव कृषि विभाग की ओर से प्रतिवर्ष खरीफ सीजन में कृषि सेवा केंद्र की जांच की जाती है। किंतु यह जांच केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती है। इसका नमूना फिर सामने आया है। तहसील के हिंगणगांव, रायपुर, कासारखेड़ा, तलनी, परसोड़ी परिसर के 15 गांवों में अंकुर प्रभाकर नाम से सोयाबीन बीज बोए गए। किंतु बुआई के बाद भी सोयाबीन के अंकुर विकसित न होने की शिकायतें तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय को  प्राप्त हो रही है। बता दें कि  काफी किसानों ने कर्ज लेकर बुआई की थी। ऐसे में बीजों के अंकुरित न होने से किसानों के लिए परेशान बढ़ गई है। हिंगणगांव के रुपेश गाडवे के भाई ने लगातार दो वर्षो तक फसल नहीं होने से आत्महत्या की थी। उनके 3 एकड़ खेत में अंकुर प्रभाकर का बीज बोया गया था, लेकिन कोई फसल नहीं हुई। रुपेश ठाकरे ने शिकायत तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में की है। कृषि अधिकारी अजय तलेगांवकर ने किसानों की शिकायतें दर्ज कर किसानों के खेतों में जाकर निरीक्षण किया है। 

किसानों को दी जाएगी मदद 

बीज बाजार में लाने से पूर्व कंपनी सोयाबीन बीजों की जांच, उसकी उत्पादन क्षमता की जांच करती है। ऐसा कोई भी बीज का लॉट यहां से नहीं निकला है। इस बारे में व्यापक जांच भी की जा रही है। जिन किसानों का नुकसान हुआ है। उन किसानों को कंपनी की ओर से नुकसान भरपाई दी जाएगी। इस संदर्भ में कंपनी के कर्मचारी किसानों के खेत में जाकर निरीक्षण कर रहे है। - जी. एन. काले, प्रबंधक, अंकुर बीज

Created On :   12 July 2019 10:55 AM GMT

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