नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी, कोतवालों के मानधन में भी हुई बढ़ोतरी

Cabinet approved project for second phase of Nagpur Metro
नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी, कोतवालों के मानधन में भी हुई बढ़ोतरी
नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी, कोतवालों के मानधन में भी हुई बढ़ोतरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। 48.29 किलोमीटर की इस परियोजना की जिम्मेदारी महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड नागपुर के पास होगी। इसके लिए 11 हजार 239 करोड़ रुपए खर्च को भी मंजूरी दी गई है। इसे अति महत्वपूर्ण नागरिक परियोजना भी घोषित की गई है। नागपुर मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण में मिहान से एमआईडीसी इएसआर (18.768 किमी), ऑटोमोटिव चौक से कान्हान नदी (12.925 किमी), लोकमान्य नगर से हिंगणा (6.657 किमी), प्रजापति नगर से ट्रांसपोर्ट नगर (5.441 किमी) और वासुदेव नगर से दत्तवाडी (4.489 किमी) यानी कुल मिलाकर 48.29 किलोमीटर मार्ग शामिल है।

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा परियोजना लागत और केंद्रीय करों के 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए धन दिया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार (2080 करोड़), एमआईडीसी (561 करोड़) और एमएडीसी (561 करोड़ रुपए) केंद्रीय कर हिस्सेदारी और राज्य करों के लिए देंगी। कंपनी को तय समय के बाद किराए में संशोधन का अधिकार दिया गया है। मेट्रो-2 के लिए विस्तारित मार्ग में आने वाले इलाके, स्टेशन, पार्किंग और संपत्तियों के विकास के लिए कंपनी को सौंपे गए इलाके को एसपीए के तौर पर मान्यता और टीओडी कॉरिडोर के विस्तारीकरण को भी मान्यता दे दी गई है। 

फिलहाल मनपा क्षेत्र में एक फीसदी अधिभार वसूला जाता है। इस तरह महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति कानून 1961 में सुधार को मान्यता दे दी गई है। जिसके तहत पहले चरण की ही तरह परियोजना के दोनों ओर 500 मीटर तक अतिरिक्त एफएसआई देने के दौरान लगाई गई रकम, परियोजना क्षेत्र के शहर में 100 फीसदी बढ़े हुए विकास शुल्क से जमा होने वाली रकम और एक फीसदी ज्यादा मुद्रांक शुल्क अधिभार से मिलने वाली राशि संबंधित एसपीव्ही को दी जाएगी। परियोजना के लिए सिर्फ एक रुपए मूल्य पर जमीन कंपनी को हस्तांतरित की जाएगी। परियोजना प्रभावितों के पुनर्वसन के लिए गृहनिर्माण और विशेष सहायता विभाग के फैसलों के मुताबिक काम किया जाएगा। परियोजना से जुड़े फैसलों के लिए एक उच्चाधिकार समिति भी बनाई गई है। 

नागपुर के बोरगाव खसरा खेल मैदान का आरक्षण बदला
नागपुर शहर के मंजूर विकास प्रारूप के बोरगांव खसरा स्थित भूखंड क्रमांक 47 से 51 के दक्षिणी हिस्से में खुले जगह पर स्थित खेल के मैदान के लिए आरक्षण बदल दिया गया है। मंत्रिमंडल ने इस जगह को रहिवासी इलाके में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। फैसले के बाद नागपुर के बोरगाव खसरा स्थित 1289.48 स्क्वेयर मीटर जगह को रहिवासी क्षेत्र में शामिल किया जाएगा। 

अब वरिष्ठता के आधार पर मिलेगा मानधन 
प्रदेश के कोतवालों के मानधन को बढ़ाने के फैसले को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। कोतवालों को मिलने वाले मूल मानधन को बढ़ाकर 7 हजार 500 रुपए कर दिया गया है। अब कोतवालों को सेवा वरिष्ठता के अनुसार मानधन मिलेगा। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार राज्य में 10 साल से काम करने वाले कोतवालों को 7 हजार 500 रुपए का मानधन मिलेगा। 11 से 20 साल तक की सेवा पूरी करने वाले कोतवालों को मूल मानधन 7 हजार 500 रुपए में 3 प्रतिशत की सेवा वरिष्ठता वृद्धि को मिलाकर 7 हजार 725 रुपए दिए जाएंगे। 21 से 30 साल के बीच सेवा देने वाले कोतवालों को मूल मानधन 7 हजार 500 रुपए के साथ 4 प्रतिशत की सेवा वरिष्ठता वृद्धि को मिलाकर अब 7 हजार 800 रुपए मिल सकेगा। 31 साल से अधिक सेवा देने वाले कोतवालों को मूल मानधन 7 हजार 500 रुपए में 5 प्रतिशत की सेवा वरिष्ठता बढ़ोतरी को मिलाकर कुल 7 हजार 875 रुपए मिलेगा। जबकि 50 साल से अधिक समय से सेवा देने वाले कोतवालों को 15 हजार रुपए का मानधन मिल सकेगा। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि कोतवालों को जिलाधिकारी कार्यालय में सिपाही पद पर नियुक्ति करने के लिए लागू 25 प्रतिशत के कोटे को बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। जिस दिन कोतवाल सिपाही पद के लिए पात्र होंगे उसी दिन से उन्हें प्रति महीने 15 हजार रुपए का मानधन लागू हो जाएगा।

पाटील ने कहा कि कोतवालों के लिए राज्य शासकीय कर्मचारी समूह वैयक्तिक दुर्घटना योजना, अटल पेंशन योजना और महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना लागू की जाएगी। सभी योजनाओं का प्रीमियम सरकार जमा करेगी। पाटील ने बताया कि राज्य के 10 हजार 610 कोतवालों को मानधन बढ़ाने के फैसले का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण कुल 16 हजार 268 पदों के सृजन का फैसला लिया गया है। पाटील ने कहा कि राज्य में कोतवालों को 1 जनवरी 2012 से 5 हजार रुपए मानधन देने का फैसला लिया गया था। साल 1959 में कोतवालों को केवल 16 रुपए दिए जाते थे। पाटील ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोतवाल का पद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि कोतवाल नियमों-कामों में पटवारी की मदद करते हैं। 

बीड के वैद्यनाथ महाविद्यालय के लिए अनुदान मंजूर
बीड़ के परली स्थित वैद्यनाथ महाविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान और शारीरिक शिक्षा विषय का अनुदान मंजूर करने का फैसला राज्य मंत्रिमंडल ने लिया है। इससे महाविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विषय के तीन पूर्णकालिक प्राध्यापक और शारीरिक शिक्षा विषय के एक अध्यापक अनुदान के लिए पात्र होंगे। 

Created On :   8 Jan 2019 3:43 PM GMT

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