धान में लगा रोग, हवा के साथ तेजी से फैल रहा- कंडवा रोग का असर हाइब्रिड बीजों पर सबसे ज्यादा 

Disease in paddy, spreading rapidly with air - the effect of kandwa disease on hybrid seeds is the highest
धान में लगा रोग, हवा के साथ तेजी से फैल रहा- कंडवा रोग का असर हाइब्रिड बीजों पर सबसे ज्यादा 
धान में लगा रोग, हवा के साथ तेजी से फैल रहा- कंडवा रोग का असर हाइब्रिड बीजों पर सबसे ज्यादा 

डिजिटल डेस्क शहडोल । धान की फसल बीमारी की चपेट में है। धान की बालियोंं में कंडवा रोग तेजी से फैल रहा है। फफूंद से होने वाले इस रोग में बालियों में दोने के जगह काला चूर्ण या पाउडर बन जाता है। यह रोग हवा के साथ एक खेत से दूसरे खेत में फैलता है। इसका सबसे ज्यादा असर हाइब्रिड बीज वाले धानों पर देखा जा रहा है।  इस समय धान में बालियां निकल चुकी हैं। दिवाली के पहले हुई बारिश और उसके बाद लगातार आसमान में बादल छाए रहने के कारण ही फफूंद के कारण बालियों में काले रंग का धब्बा लगने लगा है। इससे कंडवा कहा जाता है। कंडवा काफी तेजी से फैलता है। जो खेत इसकी चपेट में आए फसल बर्बाद हो जाती है। 
कई गांवों में समस्या
इस बार जिले में धान का रकवा बढ़ा है। पिछले वर्ष जहां एक लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। इस करीब 10 हजार हेक्टेयर रकवा बढ़ा है। मानसून ने शुरुआत में काफी परेशान किया इसके चलते रोपनी का काम पीछे हो गया। जाते-जाते मानसून से पूरे सीजन की कमी पूरी कर दी, लेकिन यह पानी फसलों के लिए हानिकारक साबित होने लगा है। कंडवा का असर एक दर्जन से अधिक गांवों में अभी तक सामने आ चुका है। इसमें पड़मनिया, सिंहपुर, ऐंताझर, सिगुड़ी, धमनीकला, ददरा टोला, निपनिया, जोधपुर, मिठौरी आदि गांव शामिल हैं। 
विशेषज्ञों की सलाह -तोड़ दें बालियों को 
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक पीएन त्रिपाठी का कहना है कि दिखते ही इसके नियंत्रण के उपाय करने चाहिए। अगर कंडवा का शुरुआती चरण है कि जितने बालियों में यह रोग लगा है, उनको तोड़कर एक पॉलीथीन में भरकर जमीन में गाड़ देना चाहिए, ताकि इसका असर अन्य खेतों में न पहुंचे। इसके अलावा फफूंद नियंत्रण वाली दवाइयों का इस्तेमाल करना चाहिए। 
दवा का करें इस्तेमाल
विशेषज्ञों के मुताबिक प्रोपीकोनाजोल या कारबेंडाजिम दवा के इस्तेमाल से इस रोग को रोका जा सकता है। एक लीटर पानी में डेढ़ मिलीलीटर दवा का घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करना चाहिए। इस पर तत्काल नियंत्रण जरूरी है। अगर धान में यह रोग दिख रहा है तो दवा का अविलंब छिड़काव कर देना चाहिए। नहीं आसपास के सभी खेतों में यह फैल जाएगा।

Created On :   2 Nov 2019 9:24 AM GMT

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