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नागपुर जिले में सूखे जैसे हालात, पेंच डैम में केवल 50 MLQ पानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के कई हिस्सों में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। जलसंकट की समस्या को दूर करने के लिए जिला परिषद को 7 करोड़ 80 लाख की निधि दी गई है। इसके अलावा बोरवेलों की दुरुस्ती व कुओं के अधिग्रहण का काम तेजी से किया जा रहा है। जिले में जलस्तर काफी नीचे जाने से ज्यादा से ज्यादा टैंकरों से जलापूर्ति करने को कहा गया है। उपविभागीय अधिकारी को हर सप्ताह मीटिंग लेकर तत्संबंधी रिपोर्ट जिला प्रशासन को देनी है। जिले में कुछ स्थानों पर सूखे जैसी स्थिति बन गई है।
उपाय योजना पर जोर
जलसंकट से निपटने के लिए जिला परिषद की ओर से जिले में 168 जगह नल दुरुस्ती, बोरवेल दुरुस्ती व जलापूर्ति से संबंधित मरम्मत के कार्य किए जा रहे हैं। 35 टैंकरों से हर दिन जलापूर्ति हो रही है। एक टैंकर दिन भर में दो दर्जन स्थानों पर जलापूर्ति कर रहा है। टैंकर ठेकेदारों का एक दिन का बिल ही लाखों रुपए बन रहा है। इसमें गड़बड़ी न हो, इसलिए टैंकरों को जीपीएस लगाने को कहा गया है। जीपीएस से लैस टैंकरों का प्राथमिकता से भुगतान हो सकेगा। जिले में 640 कुओं को अधिगृहीत करने पर तेजी से काम किया जा रहा है। कलमेश्वर, काटोल व नरखेड़ में जलसंकट की समस्या गंभीर बन गई है। यहां जलस्तर में 0.5 से 0.8 की गिरावट आई है। पेंच बांध में केवल 50 एमएलक्यू पानी बचा है। जिले में जितने पानी की जरूरत है, उतना बांध में नहीं है। पुराने बोरवेलों व कुओं से ही प्यास बुझाने की कवायद करनी पड़ रही है।
तीन तहसीलों में बिगड़े हालात
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि जिले में भीषण जलसंकट को देखते हुए 7 करोड़ 80 लाख की निधि दी गई है। जलसंकट पर कृति प्रारूप तैयार कर 9 उपायों पर काम किया जा रहा है। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पूरा काम हो रहा है। स्थिति की समीक्षा की जा रही है। बांध में पानी कम है। जिले में जलस्तर कम हुआ है। जलापूर्ति से संबंधित दुरुस्ती, मरम्मत, बोरवेल सुधार व कुएं अधिग्रहण का काम तेजी से चल रहा है। जिले की तीन तहसीलों में पानी की भीषण समस्या बनी हुई है।
Created On :   11 May 2019 8:34 AM GMT