हाईकोर्ट ने पूछा -अवैध निर्माण रोकने कितनी महानगरपालिकाओं ने अपनाई सेटेलाईट मैपिंग प्रणाली ?

HC asked - how many municipalities using satellite mapping to stop illegal construction
हाईकोर्ट ने पूछा -अवैध निर्माण रोकने कितनी महानगरपालिकाओं ने अपनाई सेटेलाईट मैपिंग प्रणाली ?
हाईकोर्ट ने पूछा -अवैध निर्माण रोकने कितनी महानगरपालिकाओं ने अपनाई सेटेलाईट मैपिंग प्रणाली ?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि महानगर पालिका क्षेत्र में जारी निर्माण कार्यों पर नजर रखने के लिए कितनी महानगरपालिकाओं ने सेटेलाइट मैपिंग की व्यवस्था बनाई है। हाईकोर्ट ने शहरीय इलाकों में अवैध निर्माण कार्य पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार को सेटेलाइट मैपिंग का सुझाव दिया था। हाईकोर्ट ने गुलाब-पुष्पा को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अवैध निर्माण पर नियंत्रण के मुद्दे का स्वयं संज्ञान लिया था। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि महानगरपालिका क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर नजर रखने के लिए सेटेलाइट मैपिंग की व्यवस्था बनाने के संबंध में सरकार जरुरी निर्देश जारी करने के विषय में चर्चा कर रही है। कितनी माहनगरपालिकाओं ने अपने यहां पर सेटेलाइट मैपिंग की व्यवस्था को अपनाया है, इसको लेकर जानकारी इकट्ठा करने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। 

नागपुर के सहयोग से मुंबई के एक वार्ड में पायलट प्रोजेक्ट

वहीं अधिवक्ता व्यक्टेश धोंड ने कहा कि हैदराबाद में अवैध निर्माण पर नियंत्रण के लिए वहां पर सेटेलाइट मैपिंग की व्यवस्था सुचारु ढंग से चल रही है। इसलिए राज्य कि महानगरपालिकाओं व सरकार को हैदराबाद महानगरपालिका से इस बारे में चर्चा करनी चाहिए। जिससे यह पता चले की वहां कैसे सेटेलाइट व्यवस्था का परिचालन हो है। लेकिन सरकार व महानगरपालिकाओं कि इस संबंध में कोई सक्रियता नजर नहीं आ रही है। इस पर मुंबई महानगरपालिका की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि हमने फिलहाल एक वार्ड में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में सेटेलाइट मैपिंग व्यवस्था की योजना बनाई है। इसके लिए हम नागपुर स्थित रिमोट सेंसिग सेटालाइट सेंटर से सहयोग ले रहे है। मुंबई मनपा का सूचना प्रद्यौगिकी विभाग इस संबंध में जरुरी कदम उठाएगा। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सरकार सेटेलाइट मैपिंग को लेकर शासनादेश जारी कर उसे भूल जाए। यह बात कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 11 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी और मुंबई मनपा के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) के अधिकारी को कोर्ट में उपस्थित रहने को कहा। 
 

Created On :   9 March 2019 1:47 PM GMT

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