इन मंत्रों और विधि-विधान से करें महालक्ष्मी की पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महालक्ष्मी व्रत पौराणिक काल से मनाया जा रहा है। ये व्रत श्राद्ध (पितृ पक्ष) की अष्टमी को रखा जाता है। कहतें हैं इस व्रत को पूरा करने से देवी महालक्ष्मी सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं, लेकिन ये पूजा पूरे विधि-विधान से करनी चाहिए नहीं तो इसका फल नहीं मिलता। पढ़िए क्या है विधि ?
ऐसे करें पूजा
महालक्ष्मी व्रत के दिन देवी लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें।
महालक्ष्मी व्रत के दिन दक्षिणावर्ती शंख में गाय के बिना उबले दूध से देवी लक्ष्मी की मूर्ती का अभिषेक करें।
देवी महालक्ष्मी की पूजा में कौड़ी अर्पित करें और बाद में इसे अपने धन स्थान जैसे तिजोरी या लॉकर में रख लें।
व्रत के दिन श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र अपने पूजा स्थान पर स्थापित करें।
किसी लक्ष्मी मंदिर में कमल फूल अर्पित करें।
उन्हें गुलाब और और कमल के फुल चढ़ाएं, माना जाता है की उन्हें ये फूल बेहद प्रिय है।
पूजा सामग्री
प्रसाद के लिये सफेद बर्फी
दो सूप
16 गांठ वाला लाल धागा
16 सुहाग का सामान
हर चीज सोलह की गिनती में होनी चाहिए जैसे 16 लौंग, 16 इलायची आदि
फूल माला
तारों को अर्घ्य देने के लिये यथेष्ट पात्र
6 मिट्टी के दिये, थाली में पूजा पान सुपारी, रोली, कुमकुम, धूप, कपूर, अगरबत्तियां ये सब चीजें जरुर शामिल करें।
इन मंत्रों का करें जाप
ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:
ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:
ऊं कामलक्ष्म्यै नम:
ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:
ऊं योगलक्ष्म्यै नम: ।




Created On :   13 Sept 2017 1:08 PM IST