माइक्रो फाइनेंस कंपनी घोटाला: सरकार ने 31 तक मांगी रिपोर्ट

Micro Finance Company scam: Government seeks report till 31
माइक्रो फाइनेंस कंपनी घोटाला: सरकार ने 31 तक मांगी रिपोर्ट
माइक्रो फाइनेंस कंपनी घोटाला: सरकार ने 31 तक मांगी रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर । महिला बचत समूहों को चूना लगाने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनी की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक पेश करने के आदेश सरकार ने विभागीय आयुक्त को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि नागपुर सहित विदर्भ में महिला बचत समूहों से जबरन वसूली और चूना लगाने वाली माइक्रो फाइनेंस कंपनी के खिलाफ चल रही जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। सरकार ने विभागीय आयुक्त अनूप कुमार को 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। हालांकि यह रिपोर्ट विभागीय आयुक्त को 30 सितंबर 2017 तक सौंपनी थी, किन्तु समय पर जांच नहीं होने और प्रशासन द्वारा अतिरिक्त समय मांगने से सरकार ने समय-सीमा बढ़ाते हुए 31 दिसंबर तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।  इस साल के अप्रैल-मई में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की लूट का मामला सामने आया था। 

महिलाएं सड़क पर उतरीं: सैकड़ों महिला बचत समूहों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकाला था। महिला बचत समूहों की शिकायत थी कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियां उनसे जबरन वसूली कर रही हैं। उनके घरों पर आकर जो सामान दिखाई देता है, उसे उठाकर ले जा रही हैं। सामान नहीं देने पर जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। यहीं नहीं कई महिला बचत समूहों की जमापूंजी भी माइक्रो फाइनेंस कंपनियां लेकर रफू-चक्कर हो गईं। इसे लेकर नागपुर में खूब बवाल मचा था। रोजाना हजारों की संख्या में महिलाएं नागपुर जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंच रही थीं। इस दौरान यह भी अफवाह उड़ गई थी कि सरकार द्वारा माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लिया गया कर्ज माफ किया जा रहा है। यह अफवाह आग की तरह फैली। देखते-देखते संपूर्ण विदर्भ में ऐसे मामले सामने आए। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से भी इस संबंध में महिलाओं का संगठन मिला था। संपूर्ण विदर्भ से माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की दादागिरी के मामले सामने आने के बाद सरकार ने इसकी जांच के निर्देश दिए थे। नागपुर के  विभागीय आयुक्त अनूप कुमार को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया था। सरकार ने 60 दिन में यानी 12 जून 2017 तक यह जांच पूरी करने को कहा था, किन्तु काम का अतिरिक्त दबाव होने से समय पर यह जांच पूरी नहीं हुई थी।  प्रशासन ने समय सीमा बढ़ाकर मांगी थी। उसके बाद 30 सितंबर तक यह समय बढ़ाकर दिया गया था, किन्तु इस अवधि में भी जांच पूरी नहीं हुई। अब सरकार ने 31 दिसंबर तक विभागीय आयुक्त को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। 

 
 

Created On :   18 Dec 2017 8:53 AM GMT

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