अब नागपुर मेट्रो का दिखेगा अजब नजारा, रेल ट्रैक के ऊपर बनेगा ब्रिज

Nagpur : 100-meter metro bridge to be built on top of railway track
अब नागपुर मेट्रो का दिखेगा अजब नजारा, रेल ट्रैक के ऊपर बनेगा ब्रिज
अब नागपुर मेट्रो का दिखेगा अजब नजारा, रेल ट्रैक के ऊपर बनेगा ब्रिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महामेट्रो ने  ‘माझी मेट्रो’ के लिए कई ऐसी इमारतें और ऐसी संरचनाएं बनाई हैं, जो अद्भुत हैं। हालांकि उनके निर्माण में परेशानी आई है, इसलिए कई बड़े चैलेंज रहे। एक बड़ा चैलेज है कॉटन मार्केट आनंद टाकीज से गुजरने वाली रेल लाइन के ऊपर ब्रिज बनाना। इसके लिए मेट्रो ने बैलेंस्ड केंटीलीवर ब्रिज बनाने की योजना बनाई है, जिसका 25 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। यह जानकारी मीडिया विजिट में एमडी बृजेश दीक्षित, प्रोजेक्ट डायरेक्टर महेश कुमार, सीपीएम राजदीप भट्टाचार्य और जीएम (एडमिन) अनिल कोकाटे ने दी। इस ब्रिज को बनाने में सबसे पहली समस्या थी, रेलवे ट्रैक के बाहरी क्षेत्र में पिलर लगाना। रेलवे लाइन के दोनों ओर के पिलरों के बीच की दूरी 100 मीटर है। इसके लिए पहले मेट्रो ने स्टील गर्डर डालने की योजना बनाई थी, जिसे रेलवे की मंजूरी चाहिए थी। योजना बनाने के बाद रेलवे अधिकारियों ने इस विषय पर चर्चा की और बाद में यह निर्णय लिया कि स्टील गर्डर  लगाने के बाद इसमें मेंटेनेंस अधिक लगता है और चूंकि यह रेलवे ट्रैक के ऊपर है, इसलिए समस्या बहुत आएगी, लिहाजा इसे नामंजूर कर दिया। बाद में इन्होंने बैलेंस्ड केंटीलीवर ब्रिज की नई योजना बनाई। इसमें 3-3 मीटर के सेगमेंट लगाने के बाद कांक्रीटिंग की जाएगी। इसके साथ ही रेलवे ट्रेक के दोनों ओर बने पिलर सबसे महत्वपूर्ण होंगे, जिन्हें स्पेन कहते हैं। 

इस कारण दूरी बढ़ी

अभी रेलवे के पांच ट्रैक हैं, जिनके ऊपर ब्रिज बनने वाला है। भविष्य में ट्रैक या लाइन बढ़ाने की दृष्टि से रेलवे ने दो-दो ट्रैक की अतिरिक्त जगह छोड़ने को मेट्रो काे कहा था। इस कारण मेट्रो के दोनों पिलरों के बीच की दूरी 100 मीटर हुई है। पूरा ब्रिज 231 मीटर का होगा। 

एहतियातन सुरक्षा ऐसी 

इस योजना को बनाने में ही 1 साल से अधिक समय लगा है। बाद में इसे मंजूरी मिली है। और भी उपाय खोजे गए थे, लेकिन कोई कारगर नहीं था।  अब इसका 25 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। यहां रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा के लिए कार्य के दाैरान ब्रिज के नीचे दो लेयर लगाई जाएगी, जिससे सामान रेलवे ट्रैक पर न गिरे। साथ ही मेट्रो का एक व्यक्ति रेलवे कंट्रोल रूम में बैठेगा और जानकारी देगा कि ट्रेन निकल चुकी है या निकलने वाली है। ट्रेन गुजरते समय कार्य को रोक दिया जाएगा।

दोनों पिलरों के नीचे जमीन में पाइल फाउंडेशन लगाए गए हैं। दूसरे स्थान पर 4-6 पाइल फाउंडेशन है, लेकिन इस ब्रिज के पिलर में 18 पाइल फाउंडेशन लगाए गए हैं। 

3 मीटर का एक सेगमेंट 140 टन का होगा। यदि किसी एक भी दिशा में सेगमेंट का वजन कम, ज्यादा या और सेगमेंट जोड़ा गया तो स्पेन टूट जाएगा, इसलिए इसे बैलेंस्ड कैंटीलीवर ब्रिज कहते हैं।
 

Created On :   4 Aug 2019 1:09 PM GMT

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