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अब आउटर पर नहीं रूकेंगी ट्रेनें, 90 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-कलमना रूट पर गाड़ियों की भरमार व एक ही लाइन होने के कारण घंटों आउटर पर खड़े रहने की परेशानी अब दूर होने वाली है। दरअसल कलमना डबलिंग ओके हो गई है। शीघ्र ही यहां से यात्री गाड़ियों को 90 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। ऐसे में हावड़ा लाइन की गाड़ियों को तेजी मिलेगी। गत सप्ताह सीआरएस द्वारा निरीक्षण के बाद इस पर गाड़ियों का संचालन कराने की अनुमति मिल गई है।
एक ही लाइन होने से थी परेशानी
नागपुर से कलमना को जोड़ने के लिए केवल एक ही लाइन बनी थी, लेकिन यहां गाड़ियों का आवागमन क्षमता से अधिक है, जिसके कारण हावड़ा से आने वाली गाड़ियों को कई घंटों तक आउटर पर खड़ा किया जाता है। यह स्थिति यात्री परेशानी के साथ रेलवे के राजस्व को घटाने के लिए भी कारगर साबित हो रही है। परिणामस्वरूप नागपुर-कलमना को जोड़ने के लिए एक और लाइन की दरकार बन गई थी। इस संबंध में लगातार ध्यानाकर्षित करने के बाद दपूम रेलवे नागपुर की सीमा में इस लाइन को साकार करने की घोषणा रेल बजट 2007-08 में की गई। कुल 37 करोड़ से यहां नई लाइन बनाने का तय हुआ था।
निरीक्षण के बाद निर्णय
अतिक्रमण की समस्या से जूझने के बाद कुछ दिनों का ब्लॉक लेकर रेलवे ने इस लाइन को सिग्नलिंग यंत्रणा से जोड़ दिया था, लेकिन एक माह से सीआरएस के निरीक्षण के लिए इसे अटकाया गया था। ऐसे में यहां से केवल मालगाड़ियों का ही आवागमन किया जा रहा था। गत सप्ताह शुक्रवार को कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से कलमना-डबलिंग का सफल निरीक्षण किया गया। लाइट इंजन व ऑब्सरवेशन कार से इतवारी से कलमना व कलमना से कामठी लाइन की नब्ज टटोली गई। इस अवसर पर दपूम रेलवे नागपुर के डीआरएम, चीफ इंजीनियर (निर्माण), मुख्यालय के अधिकारी भी मौजूद थे। डबलिंग का सफल निरीक्षण के बाद सीआरएस की ओर से यहां से गाड़ियों को संचालित करने के लिए अधिकृत तौर पर अनुमति बाकी थी, जिसे 27 नवंबर को पूरा किया गया। दपूम रेलवे नागपुर मंडल को इस संबंध में प्रमाणपत्र देकर यहां से यात्री गाड़ियों का आवागमन 90 किमी की रफ्तार करने को कहा है। हालांकि, अधिकारियों की मानें तो मामूली काम को पूरा करने में एक या दो दिन लग सकते हैं।
छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकेगी गाड़ियां
अमरावती-नरखेड़ लाइन पर कुछ स्टेशनों पर अब गाड़ियां नहीं रुकेंगी। इन स्टेशनों में पाला, कोलविहिर एवं आष्टेगांव स्टेशनों का समावेश है। साथ ही यहां गाड़ियों का स्टॉपेज भी 1 दिसंबर से बंद किया जाएगा। यात्री नहीं मिलने से तथा टिकट बिक्री न के बराबर होने से रेलवे ने यह निर्णय लिया है। गत एक वर्ष पहले उपरोक्त लाइन का निर्माण हुआ है। ऐसे में यहां से चुनिंदा गाड़ियों को चलाया जाता है। लाइन पर छोटे-छोटे गांव होने से यहां यात्री सुविधा के लिए कुछ महीनों से कुछ गाड़ियों का स्टॉपेज दिया था, लेकिन इन गाड़ियों की टिकट बिक्री उक्त स्टेशनों पर न के बराबर है। ऐसे में यह स्टेशन रेलवे का घाटा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार साबित हो रहा था। इसलिए यहां गाड़ियों का स्टॉपेज बंद िकया गया है। इन स्टेशनों पर दिया गया। पैसेंजर गाड़ियों का स्टापेज 1 दिसंबर 2017 से समाप्त कर दिया गया है।
Created On :   29 Nov 2017 9:18 AM GMT