नागपुर में बिक रहा इथेनॉलयुक्त पेट्रोल, गाड़ियों में आ रही खराबी

Petrol with ethanol sold in Nagpur, results vehicle damaging
नागपुर में बिक रहा इथेनॉलयुक्त पेट्रोल, गाड़ियों में आ रही खराबी
नागपुर में बिक रहा इथेनॉलयुक्त पेट्रोल, गाड़ियों में आ रही खराबी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बारिश के समय में या गाड़ी की सर्विसिंग के बाद कई बार गाड़ी बंद होने या पेट्रोल टैंक में पानी जमा होने की समस्या आती है। इसका कारण पेट्रोल में मिला हुआ इथेनॉल होता है। पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जाता है, जो पानी से रिएक्शन कर पानी में बदल जाता है, इसके कारण पेट्रोल टंकी में जंग लगना और पानी जमा होने की समस्या सामने आती है। 

इथेनॉल पेट्रोल की तुलना में कम प्रदूषण करता है इसलिए 2003 से पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जाने लगा है। पहले पेट्रोल मे इसकी 5 प्रतिशत मिलावट की जाती थी, लेकिन 2014 के बाद इसका प्रतिशत बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया। दरअसल इथेनॉल पर्यावरण की दृष्टि से सबसे अच्छा ईंधन है इसके उपयोग से प्रदूषण कम होता है। विदेशों में पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाया जाता है, लेकिन इसके उपयोग में एक समस्या सामने आती है। यह पानी यानी एचटूओ पानी के संपर्क में आने के बाद रिएक्शन करके पानी में ही बदल जाता है। यदि पेट्रोल टैंक में पानी की एक बूंद भी जाती है तो इथेनॉल पानी से रिएक्शन करके पूरे इथेनाल को पानी में बदल देता है। जिससे गाड़ी बंद होने और पेट्रोल टैंक में जंग लगने की समस्या होती है।

बाइक और स्कूटर में आती है सबसे ज्यादा समस्या
यह समस्या सबसे ज्यादा बाइक, स्कूटर और ऐसे वाहनों में आती है, जिसकी पेट्रोल टंकी बाहर हो या टैंक का ढक्कन बाहर हो। ढक्कन के की-हाेल से भी पानी टैंक में पानी चला जाता है।  और पेट्रोल में जितना इथेनॉल है उतना पानी में बदल जाता है। फिलहाल इसका कोई स्थायी हल नहीं है, लेकिन इसमें आपको सावधानी बरतनी होती है।

हाइड्रोस्कोपिक केमिकल होता है
इथेनॉल का केमिकल फार्मूला सी2एच5ओएच होता है और पानी का केमिकल फाॅर्मूला एच2ओ हाेता है। इथेनॉल हाइड्रोस्कोपिक केमिकल होता है। यह बहुत जल्दी पानी या नमी के संपर्क में आते ही रिएक्शन करने लगता है। यदि आपने एक लीटर पेट्रोल डाला है तो 100 मिली लीटर इथेनाॅल रहता है। गाड़ी चलने से पट्रोल तो जल जाता है, लेकिन इथेनॉल का साल्यूशन रह जाता है। आप इसमें और पेट्रोल मिलाते हैं तो साल्यूशन जमा होने लगता है। यदि साल्यूशन ज्यादा जमा होता है तो टैंक में जंग लगने की समस्या होती है और साथ ही जो भी रबर के जो भी पार्ट्स होते हैं वह भी गलना शुरू हो जाते हैं।

इथेनॉल में 55 प्रतिशत केमिकल और 45 प्रतिशत पानी
इथेनॉल में 55 प्रतिशन केमिकल और 45 प्रतिशत पानी हाेता है। इसका उपयोग करने के लिए इसमें से 90 प्रतिशत पानी निकालना जरूरी होता है। तभी इसे ईंधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इथेनॉल मिलने के कारण ही पेट्रोल के रेट बढ़ती है। क्योंकि इसे बनाने की प्रक्रिया मुश्किल है। इसे स्टोर करने में भी सावधानी रखनी होती है साथ ही इसे बनाना बहुत महंगा होता है। 

यह है हल
इथेनॉल से होने वाली समस्या कोई स्थायी हल नहीं है। लेकिन आप थोड़ी सावधानी बरतकर समस्या से बच सकते हैं। बारिश के समय में गाड़ी को खुले में पार्क न करें। एक बार अपने पेट्रोल टैंक को पूरी तरह साफ करवा कर ही पेट्रोल भरवाएं। यदि आपका पेट्रोल टैंक बाहर की ओर है तो पेट्रोल टैंक के ढक्कन को कवर करें। सर्विसिंग के बाद पानी को पूरी तरह सूखा दीजिए। यदि यह पानी से बच गया तो कोई समस्या नहीं हाेती है।

पानी नहीं होना चाहिए
इथेनॉल पर्यावरण की दृष्टि से अच्छा है, लेकिन इसके उपयोग में पानी से बचाना जरूरी है। क्योंकि पानी के संपर्क में आते ही इथेनॉल पानी में बदल जाता है।
- अमित गुप्ता, अध्यक्ष, विदर्भ पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन

पेट्रोल के दाम बढ़ने का कारण इथेनॉल
इथेनॉल का उपयोग बंद नहीं कर सकते। इसे बनाना और स्टोर करना बहुत महंगा होता है। इसी के कारण पेट्रोल के दाम भी बढ़ जाते हैं।
- डॉ. गिरीश देशमुख, विभागाध्यक्ष पेट्रो केमिकल विभाग

नई डिजाइन कारगर
1 अप्रैल 2017 के बाद से डिजाइन हुई गाड़ियों के पेट्रोल टैंक पूरी तरह सील रहते हैं। इनमें पानी जाने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। हो सकता आगे और भी बदलाव हो, लेकिन यह डिजाइन भी कारगर है।
- किशोर दीक्षित, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग सीनियर फैकल्टी
 

Created On :   11 May 2019 11:20 AM GMT

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