नागफनी से बना प्लास्टिक अच्छा विकल्प, ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण संस्था ने साझा की खूबियां

Plastic made of hawthorn is a good option, Green Heritage Environment Association shared the characteristics
नागफनी से बना प्लास्टिक अच्छा विकल्प, ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण संस्था ने साझा की खूबियां
नागफनी से बना प्लास्टिक अच्छा विकल्प, ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण संस्था ने साझा की खूबियां

डिजिटल डेस्क, भंडारा।  पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले प्लास्टिक, पॉलिथीन के संदर्भ में एक अच्छा खासा विकल्प और उपाय ओपुसिया  फाईकस इंडिका कैक्टस (नागफनी) है। जिसे मैक्सिको में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के तौर पर बनाया जा रहा है। यह एक माह के भीतर अपने आप प्राकृतिक रूप नष्ट हो जाती है। साथ ही यह अनेक जीवों का भोजन भी है। नागफनी से निर्मित प्लास्टिक हल्का हरे रंग का कागज के समान पतला और मजबूत रहता है। जिसके जरिए बैग भी बनाई जा सकती है।  यह जानकारी ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण संस्था ने दी है।

नागफनी से निर्मित की गई पॉलिथीन नदी एवं समुद्र में जाने पर यह पानी निकासी के लिए रोड़ा न बनते हुए जलीय जीवजंतु का भोजन बन जाती है। मेक्सिको देश में नहीं बल्कि विश्व में पॉलिथीन के कारण निर्माण हो रही समस्याओं को सुलझाने में मददगार साबित होगी। जिस नागफनी से इसकी निर्मिती की गई है उसे वैज्ञानिक भाषा में ओपुनसिया फाइकस इंडिका कहा जाता है। यह एक मध्यम आकार का वृक्ष होकर इसकी ऊंचाई 5 से 7 मीटर होती है।

नाग के फन केे समान दिखने वाले इस वृक्ष पर पत्ते नहीं होते है। केवल काटे ही रहते है। नागफनी के पेड़ रात के समय अपना भोजन तैयार करते है। भारत में अनेक स्थानों पर सामान्यत नागफनी के पेड़ दिखाई देते है। कुछ नागरिक अपने के घर, आंगन व कुंडों में लगाते है। 400  वर्ष से अधिक अस्तित्व में रहने वाला प्लॅस्टिक पर्यावरण के लिए घातक व नुकसानदायक है। जिसके एवज में ओपुनसिया फाइकस इंडिका कैक्टस (नागफनी) की खेतों में अधिकांश रूप में पैदावर पूर्ण भारत में करने हेतु भारत सरकार यदि पहल करे तो देश को पॉलिथीन मुक्त, पर्यावरण प्रदूषण मुक्त करने में अवश्य मदद मिल सकती है।   

भंडारा जिले के कोसे की मंत्रालय में लगी प्रदर्शनी    

महिला आर्थिक विकास महामंडल ने बचत समूह की महिलाओं द्वारा दिवाली के उपलक्ष्य में तैयार की गई सामग्री की ब्रिक्री व प्रदर्शनी का आयोजन मुंबई के मंत्रालय में किया गया है। जिसमें मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, गड़चिरोली, चंद्रपुर, परभणी, सांगली रायगड़ व गोंदिया, भंडारा जिले ने सहभाग दर्शाया है। भंडारा जिले में कोसा उत्पादन से तैयार की जाने वाली वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई है। उक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन सचिव महिला व बाल विकास आई. ए. कुंदन, उपसचिव महिला व बाल विकास स्मिता निवतकर, प्रबंधक संचालक माविम श्रध्दा जोशी के हाथोंकिया गया। प्रदर्शनी में वेस्ट मटेरियल से बनाए गए प्रॉडक्ट व आभूषण, साथ ही विविध प्रकार की मोमबत्ती, दीपक, तोरण, होम डेकोरेट प्रॉडक्ट, डायरी, रबर, कॉटन बैग, माटी के बर्तन दिवाली फराल के स्टॉल लगाए गए हैं। 

Created On :   21 Oct 2019 9:02 AM GMT

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