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स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है सल्फर डाइऑक्साइड, सबसे ज्यादा उत्सर्जन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गिरती अर्थव्यवस्था के बीच एक खबर भी चिन्ताजनक है। जिसके तहत भारत अब दुनिया में मानव जनित सल्फर डाइऑक्साइड बड़ा उत्सर्जनकर्ता बन गया है। यही नहीं इसके उत्सर्जनकर्ताओं में महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर और चंद्रपुर भी शुमार हैं। जहां सबसे ज्यादा मानवजनित सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन के हॉटस्पॉट हैं। चंद्रपुर देश में 12 वें और नागपुर 13 वें नंबर पर हैं। पूरी दुनिया में हो रहे मानवजनित सल्फर सल्फर डाइऑक्साइड का 15 फीसदी भारत से हो रहा है। इसका प्रमुख कारण उर्जा के लिए कोयला आधारित पावर प्लांट हैं। यह खुलासा पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रही वैश्विक संस्था ग्रीनपीस के रिपोर्ट में हुआ है। सुनील दहिया व लौउरी माइलीवित्रा ने नासा के सेटेलाइट डेटा के अध्ययन के आधार पर ग्लाेबल एसओटू एमिशन हॉटस्पाॅट डेटाबेस शीर्षक रिपोर्ट तैयार की है।
सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन का साठ फीसदी मानवजनित
सेटेलाइट के द्वारा पहचाने गए कुल सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का साठ फीसदी मानवजनित पाया गया है। इसके प्रमुख कारणों में कोयला आधारित पावर प्लांट, ऑयल रिफाइनरीज, स्मेल्टिंग (धातुओं को पिघलाना) शामिल हैं।
महाराष्ट्र के हॉटस्पॉट
नाम दुनिया में स्थान देश में स्थान उत्सर्जन कारण
चंद्रपुर 63 12 132 कोयला
नागपुर 73 13 114 कोयला
मुंबई 187 29 42 तेल व प्राकृतिक गैस
नासिक 252 34 26 कोयला
अकोला 276 37 20 कोयला
भुसावल 292 39 17 कोयला
पारली 299 41 14 कोयला
क्यों खतरनाक है सल्फर डाइऑक्साइड
सल्फर डाइऑक्साइड वायु प्रदूषण के अन्य प्रदूषकों के साथ प्रतिक्रिया कर सल्फेट पार्टिकल्स बनाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पीएम 2.5 के अहम हिस्सा होते हैं। अनुमान है कि भारत और चीन में खतरनाक अति सुक्ष्म पार्टिकल्स में 10 फीसदी से ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड होते हैं।
नागपुर में अधिक उत्सर्जन का कारण
विशेषज्ञाें के अनुसार नागपुर में ससल्फर डाइऑक्साइड की अधिक मात्रा का कारण कोराडी और खापरखेड़ा थर्मल प्लांट हैं। कोराडी थर्मल पावर प्लांट से वार्षिक सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन 114 किलो टन है। यह आकड़ा वर्ष 2018 का है। चंद्रपुर में दुनिया में 63 वें स्थान पर है और यहां सल्फर डाइऑक्साइड का वार्षिक उत्सर्जन 132 किला टन है। इसका प्रमुख कारण इन पावर प्लांटों में फ्यूल गैस डीसल्फराइजेशन का उपयोग नहीं किया जाना है। यह सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी लाने की तकनीक है।
राज्य में सात हॉटस्पाॅट
महाराष्ट्र में देश के सबसे ज्यादा सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन हॉटस्पॉट हैं। चंद्रपुर 12 वें और नागपुर (कोराडी)13 वें स्थान पर है। इसके बाद मुंबई 29 वें और दुनिया में 187 स्थान पर है। इसके अलावा नासिक, अकोला, भुसावल और बीड लिस्ट में शामिल हैं।
सिंगरौली पहले स्थान पर
देखा जाए तो मध्यप्रदेश के सिंगरौली से सबसे अधिक सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन हो रहा है। इसके बाद आने वाले दस स्थानों में नेवेल्ली, तालचेर, जारसूगड़ा, कोरबा, कच्छ, चेन्नई, विशाखापट्टनम, रामागुडंम और रायगढ़ हैं। इन सभी स्थानों पर उत्सर्जन का कारण कोयला आधारित पावर प्लांट हैं। राज्य के स्तर पर तमिलनाडु से सबसे ज्यादा और दुनिया में सबसे ज्यादा उत्सर्जन रशिया के नोर्लस्कि में होता है।
Created On :   22 Aug 2019 1:36 PM GMT