जाम नदी में तीन बहें,बाढ़ में डूबा रपटा पार कर रहे थे, रेस्क्यू जारी नहीं मिले शव

Three flows in the river jam, rescue operation bodies were not found
जाम नदी में तीन बहें,बाढ़ में डूबा रपटा पार कर रहे थे, रेस्क्यू जारी नहीं मिले शव
जाम नदी में तीन बहें,बाढ़ में डूबा रपटा पार कर रहे थे, रेस्क्यू जारी नहीं मिले शव

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/ सौंसर। छिंदवाड़ा के सौंसर में जाम नदी में आई बाढ़ में दो घटना में तीन लोग बह गए। यह लोग बाढ़ में डूबा रपटा पार कर रहे थे। घटना गुरूवार की रात की है। प्रशासन ने शुक्रवार की सुबह से नदी में रेस्क्यू शुरू किया लेकिन दोपहर तक शव नहीं मिले। बाढ़ में डूबे रपटों पर सुरक्षा उपाए नहीं होने से इन  घटनाओं को लेकर ग्रामीण प्रशासन पर गुस्साएं है। जाम नदी में पहली घटना कोपरावाड़ी सिंगपुर मार्ग पर रात 7.30 बजे की है। रिधोरा के सामने स्थित जाम नदी के रपटा साइकिल के साथ पार कर रहे 55 वर्षीय अशोक लाडसे निवासी मोहगांव हवेली बाढ़ के तेज बहाव में आते ही अनियंत्रित होकर रपटे से नीचे गिरा व बहने लगे। ग्रामीणों ने शोर मचाया लेकिन बचा नहीं पाए। 
 

दूसरी घटना मोहगांव पंढरी मार्ग पर बानाबाकोड़ा के निकट रात 10.45 बजे की है। शाम को खेत से गांव लौट रहे किसान बाढ़ देख कर नदी किनारे रूक गए। रात में बाढ़ कम होने पर किसानों ने रपटा पार करना शुरू किया। इस बीच रपटे में पैर फिसलने से 18 साल के दुर्गेश पिता शांताराम  सरोदे व 52 साल के सेवकराम पिता धनराज सैयाम बहने लगे। रात का अंधेरा होने से साथ चल रहे किसान कुछ समझ पाते तब तक दोनों बह गए थे। 

सुबह पहुंची रेस्क्यू टीम

ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी रात में ही नदी किनारे पहुंचे लेकिन अंधेरा होने से रेस्क्यू शुक्रवार की सुबह 10 बजे से शुरू किया। नदी में तीन किमी क्षेत्र में चले रेस्क्यू में दोपहर तक किसी का भी शव नहीं मिला।

ठेकेदार पर गुस्साए ग्रामीण

मोहगांव पंढरी मार्ग के रपटा से दो किसानों के बहने की घटना पर किसान पुल निर्माण ठेकेदार पर गुस्साएं है। ग्रामीणों ने बताया कि नदी पर पुल निर्माण के दौरान ठेकेदार ने यहां झाड़ियों व पेड़ों की कटाई का कचरा रपटे के किनारे डाला है। कचरे के कारण रपटे से पानी नीचे से बहने की बजाए ऊपर से बह रहा है। घटना इसीलिए हुई। ग्रामीण अरविंद डहाके का कहना है कि इस बारिश में रपटे में जमा कचरे के कारण ही मामूली बारिश में रपटा बाढ़ में डूबा रहा।

नहीं है सुरक्षा के उपाए

जाम नदी में तीन स्थानों पर रपटे है, अक्सर  यह बाढ़ में डूबे रहते है और लोग इससे आवागमन करते है। एक सप्ताह में पांच लोगों के बहने की घटना हुई है। बावजूद इन रपटों पर सुरक्षा के उपाए नहीं किए गए है। सामाजिक कार्यकर्ता सीजी सवासेरे का कहना है कि किसी भी रपटे पर बाढ़ के दौरान सुरक्षा उपाए नहीं होने से लोग जान जोखिम में डाल कर बाढ़ में रपटे पार करते है। इन हादसों के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। 

क्या कहते है अधिकारी

रात में अंधेरा होने से रेस्क्यू नहीं कर पाए। आज सुबह से नदी में रेस्क्यू चल रहा है। शव मिलने तक रेस्क्यू जारी रहेंगा, इसमें ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है। डाॅ. अजय भूषण शुक्ला तहसीलदार

 

 

Created On :   6 Sep 2019 10:09 AM GMT

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