आंध्र प्रदेश शराब घोटाला: पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी की बढ़ी मुश्किलें, पुलिस के आरोप पत्र में नाम शामिल, कहा - 'हर महीने 50 से 60 करोड़ की रिश्वत..'

- आंध्रप्रदेश शराब घोटाले में आया पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का नाम
- आंध्रप्रदेश पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किया 305 पेज का आरोप पत्र
- पूर्व सीएम को 50 से 60 करोड़ रुपये प्रतिमाह रिश्वत मिलने की कही बात
डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3,500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले में एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का नाम रिश्वत लेने वाले के रूप में शामिल किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि रेड्डी को हर महीने औसतन 50 से 60 करोड़ रूपये रिश्वत के तौर पर मिलते थे।
हालांकि, शनिवार को कोर्ट में दायर इस 305 पेज वाले आरोप पत्र में जगन का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है। अभी अदालत ने इस आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया है। आरोप पत्र के अनुसार, 'एकत्रित राशि आखिर में केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी (ए-1) को सौंप दी गई। उनके पास से यह राशि विजय साई रेड्डी (ए-5), मिथुन रेड्डी (ए-4) और बालाजी (ए-33) को दे दी गई, जो कि आखिर में इस पूर्व सीएम रेड्डी तक पहुंचाते थे।' एक गवाह के मुताबिक, हर महीने औसतन 50-60 करोड़ रुपये इकट्ठा किए जाते थे, जो कि जगन तक पहुंचाए जाते थे।
आरोप पत्र में बताया गया है कि 3500 करोड़ के इस घोटाले का मास्टरमाइंड राजशेखर रेड्डी था। उसने आबकारी नीति में बदलाव करवाया और आपूर्ति के लिए आदेश (ओएफएस) की स्वचालित (ऑटोमैटिक) प्रणाली को हटाकर मैनुअल प्रक्रिया लागू करवाई। साथ ही, राजशेखर ने आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एपीएसबीसीएल) में अपने भरोसेमंद लोगों की नियुक्ति करवाई।
आरोपपत्र में यह कहा गया है कि राजशेखर रेड्डी ने कथित तौर पर नकली शराब बनाने वाली भट्टियां बनाई और एक मामले के एक अन्य आरोपी बालाजी गोविंदप्पा के जरिए जगन को रिश्वत दी। इसके साथ ही, उसने पूर्व विधायक चेविरेड्डी भास्कर के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी के लिए चुनावों में 250 से 300 करोड़ रुपये की नकद राशि दी। यह रकम 30 से ज्यादा फर्जी कंपनियों के जरिए धनशोधन कर विदेश में जमीन, सोना और महंगी संपत्तियों में लगाई गई।
पुलिस ने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि राजशेखर रेड्डी ने शराब की आपूर्ति और बिक्री पर कंट्रोल रखने के उद्देश्य से जगन सरकार के समय नई शराब नीति को लागू कराया था। आरोप पत्र में कहा गया, 'आरोपियों ने आबकारी नीति और इसके तौर-तरीकों में बदलाव की योजना बनाई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें बड़ी रिश्वत मिले। इस तरह की रिश्वत का अधिकांश हिस्सा नकद, सोने की ईंटों आदि के रूप में प्राप्त हुआ।'
Created On :   20 July 2025 11:56 PM IST