बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 'महागठबंधन की सरकार बनने पर बिहार में लागू होगी 100 फीसदी...' तेजस्वी यादव ने खेला बड़ा चुनावी दांव

महागठबंधन की सरकार बनने पर बिहार में लागू होगी 100 फीसदी... तेजस्वी यादव ने खेला बड़ा चुनावी दांव
  • बिहार विधानसभा चुनाव में 4 महीने का समय बाकी
  • बड़े-बड़े चुनावी ऐलान कर रहे नेता
  • तेजस्वी यादव ने डोमिसाइल नीति को लेकर की बड़ी घोषणा

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में अब 5 महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में सभी दल इस सियासी रण को जीतने के लिए बड़े-बड़े ऐलान कर रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तो प्रदेश में 100 प्रतिशत डोमिसाइल नीति लागू होगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए उसे झूठी पार्टी बताया।

सरकार देने परीक्षा देने का खर्चा

तेजस्वी यादव शनिवार को पटना में आयोजित पाल महासम्मेलन में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा देने जाने के लिए अभिभावकों से पैसा लेने पड़ते हैं। लेकिन, जब महागठबंधन की सरकार आएगी, तो परीक्षा देने के लिए आने-जाने का खर्च सरकार वहन करेगी।

नीतीश सरकार पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने पलायन का जिक्र करते हुए राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, दुख होता है कि बिहार सबसे गरीब राज्य है और सबसे अधिक पलायन यहां से हो रहा है। इस प्रदेश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। 20 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, लेकिन बिहार का क्या विकास हुआ?

अब गाड़ी बदलने की बारी

आरजेडी नेता ने आगे कहा कि बिहार की आम जनता आज अफसरशाही से परेशान है। भाजपा को बड़ा झूठी पार्टी बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ऐसी है कि बिहार में कब और कहां गोली चल जाए, कोई नहीं जानता। बिहार अब सुरक्षित हाथों में नहीं है। जनता अब 20 साल पुरानी सरकार को नहीं चाहती है। अब गाड़ी बदलने की बारी है।

बिहार को बदलने के लिए साथ दीजिए

उन्होंने पाल समाज के लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सब बिहार को बदलने के लिए साथ दीजिए। इससे पहले पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित पाल सम्मेलन में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समुदाय की ओर से एक जीवित भेड़ उपहार भेंट की गई। तेजस्वी यादव ने मंच पर उस भेड़ को सहज भाव से स्वीकार किया। इस कार्यक्रम में भेड़ को पाल समाज की पारंपरिक आजीविका और पहचान का प्रतीक माना गया। बताया गया कि तेजस्वी सम्मेलन से जाने के दौरान भेड़ को भी साथ ले गए।

Created On :   14 Jun 2025 9:42 PM IST

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