Bihar Election Results 2025: आखिर क्यों RJD को करना पड़ा हार का सामना? जानिए ये मुख्य कारण

आखिर क्यों RJD को करना पड़ा हार का सामना? जानिए ये मुख्य कारण
महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में सामने आए तेजस्वी यादव की पार्टी का अच्छा प्रदर्शन नहीं होने से राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के नजीते सामने आ गए हैं। इसमें राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का कोई खास प्रदर्शन नहीं रहा है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में सामने आए तेजस्वी यादव की पार्टी का अच्छा प्रदर्शन नहीं होने से राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। लेकिन अब ये सवाल निकल कर आया है कि तेजस्वी यादव ने जनता के फायदें से जुड़े कई बड़े वादें किए थे। इसके बाद भी महागठबंधन के दलों का ठीक प्रदर्शन नहीं रहा हैं। ऐसे में आइए जानते हारने के पीछे के कुछ कारण...

नतीजों के रुझानों में ही महागठबंधन की मुख्य सहयोगी पार्टी आरजेडी 27 सीटों पर सिमटती हुई दिखाई दे रही थी, लेकिन फाइनल परिणामों में और दो सीटे गवानी पड़ गई और 25 सीटों पर सिमट गई। जबकि कांग्रेस पांच सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। आरजेडी का परंपरागत वोट बैंक मुस्लिम और यादव वर्ग रहा है। इस चुनाव में आरजेडी ने 50 सीटों पर यादव समुदाय के नेता और 18 पर मुस्लिम वर्ग से उम्मीदवार उतारे थे। इसके बाद भी पार्टी को बेहद निराशाजनक नतीजे देखने को मिले हैं।

एक यह बड़ा आंकड़ा निकलकर आया है कि इस बार काफी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं ने आरजेडी के पक्ष में डालने के बयाज ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के समर्थन में वोटिंग की। कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में AIMIM ने आरजेडी को सीधी टक्कर दी है। इस वजह से महागठबंधन को नुकसान हुआ है।

और सबसे दूसरा अहम कारण यह दिखाई दिया कि मुस्लिम वोटर्स का झुकाव कई सीटों पर जेडीयू की तरफ दिखाई दिया। जहां पर दोनों पार्टी के प्रत्याशी आमने सामने थे। यही से जेडीयू को साफ बढ़त नजर आई। इस वजह से भी आरजेडी को बड़ा झटका लगा है।

इस चुनाव में आरजेडी को यादव मतदाताओं की नाराजगी देखने को मिली है। जिन सीटों पर यादव मतदाताओं का निर्णायक भूमिक रहती थी। वो बिखरता हुआ दिखाई दिया। इसके अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी पहली बार मैदान में उतरी थी। जिसकी वजह से महागठबंधन के लिए वह सिरदर्द बन गई थी। क्योंकि जन सुराज ने कई जगह विपक्षी वोट काटे हैं।

इनके अलावा, प्रदेश और केंद्र की सत्ताधारी सरकार ने अपनी योजनाओं के जरिए जातीय राजनीति की परंपरागत धारणाओं को प्रभावित करने का काम किया है। नीतीश कुमार की योजनाओं से मिलने वाले फायद के कारण यादव समेत अन्य समुदाय और जातीय समूहों का झुकाव एनडीए की तरफ दिखाई दिया। जिसका सीधा प्रभाव आरजेडी और महागठबंधन के वोट शेयर पर पड़ा।

Created On :   15 Nov 2025 2:33 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story