Voter List Revision in Bihar: बिहार SIR को लेकर कांग्रेस और AIMIM ने भाजपा पर साधा निशान, पूछा- 'म्यांमार के नागरिक किस इलाके से मिले'

बिहार SIR को लेकर कांग्रेस और AIMIM ने भाजपा पर साधा निशान, पूछा- म्यांमार के नागरिक किस इलाके से मिले
  • नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी
  • बीएलओ के नंबर हो सार्वजनिक
  • कांग्रेस ने चुनान आयोग पर लगाए आरोप

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की चर्चित वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीतिक मामला गरमाया हुआ है। लोकसभा के प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई नेता इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं। इस बीच अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। साथ ही एक बार फिर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर तंज कसा है।

सर्वे लोकसभा चुनाव में क्यों नहीं करवाया?

जयराम रमेश ने कहा, 'यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 28 जुलाई को इस पर दूसरी बार सुनवाई होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार को सुझाव दिया है। इस बीच चुनाव आयोग ने कहा है कि केवल बिहार तक ये सीमित नहीं है सारे राज्यों में जांच करवाई जाएगी। नागरिकता को साबित करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी नहीं है।'

महासचिव ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है, 'आपने ये लोकसभा के पहले क्यों नहीं कराया? विधानसभा चुनाव से चार-पांच महीने पहले यह कवायद क्यों की जा रही है? बिहार में डर का माहौल है। हमने इस पर रोक की मांग नहीं की, हमने केवल अपनी आशंकाएं सामने रखी है।'

BLO के नंबर हो सार्वजनिक

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वोटर लिस्ट रिवीजन में आयोग को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग को बूथ लेवल के अधिकारियों (BLO) के संपर्क नंबर भी देना चाहिए, इससे हमारी पार्टी के सदस्य उन आधिकारियों से बात करेंगे और उनसे पूछेंगे कि नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिक किस इलाके से मिले है। उन्होंने आगे कहा, 'सीमांचल के 60-70 प्रतिशत युवा दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग को जल्दबाजी में SIR नहीं कराना चाहिए।'

ओवैसी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) से कहा है कि वह बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में मतदाता पंजीकरण के प्रमाण के रूप में आधार कार्ड, इलेक्टोरल फोटो आईडी कार्ड (EPIC) और राशन कार्ड पर विचार करे। AIMIM के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान भी इस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई नागरिक है या नहीं? हमारी पार्टी ने ही सबसे पहले कहा था कि एसआईआर पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करना है।'

Created On :   16 July 2025 7:08 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story