भ्रष्टाचार का मामला: बीआरएस को 195 करोड़ और बीजेपी को 586 करोड़ का चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर सीबीआई का शिकंजा

बीआरएस को 195 करोड़ और बीजेपी को 586 करोड़ का चंदा देने वाली मेघा इंजीनियरिंग पर सीबीआई का शिकंजा
  • अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज
  • सीबीआई ने मेघा इंजीनियरिंग कंपनी पर लिया बड़ा एक्शन
  • इस्पात मंत्रालय से भी जुड़ा है मामला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड स्कीम में सबसे अधिक डोनेशन देने वालों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर मौजूद मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रकचर लिमेटिड के अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। अब खबर आ रही है कि सीबीआई ने इन अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया है। इस कंपनी की ओर से 2018 से 2024 के दरम्यान राजनीतिक पार्टियों को इलैक्टोरल बॉन्ड के जरिए 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा दिया गया था।

सीबीआई ने एनआईएसपी के लिए 315 करोड़ रुपये की परियोजना के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर कार्रवाई की गई है। मेघा इंजीनियरिंग कंपनी के अलावा सीबीआई ने इस्पात मंत्रालय के एनएमडीसी आयरन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ यह केस दर्ज किया है।

असल में, हाल ही में चुनावी बॉन्ड से जुड़ा एक डेटा जारी किया गया था। इसी डेटा के आने के बाद से मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक कंपनी चर्चा में आई थी। बता दें कि यह कंपनी राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वाली टॉप 10 की सूची मे दूसरे स्थान की सबसे बड़ी खरीददार बनकर सामने आई थी। तथाकथित मामले में पामरेड्डी पिची पेड्डी और पीवी कृष्णा रेड्डी की कंपनी एमईलआईएल ने 966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।

चुनावी बॉन्ड स्कीम पर लगाई गई है रोक

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे के लिए लाई गई चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था। कोर्ट की फटकार के बाद चुनावी बॉन्ड स्कीम से जुड़ा पूरा डेटा एसबीआई ने चुनाव आयोग को सौंपा था। जिसके बाद इलेक्शन कमीशन ने इस डेटा को सार्वजनिक तौर पर निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था। इस डेटा में चुनावी बॉन्ड खरीददारों की पूरी सूची सामने आई थी। इसी सूची में कई बड़े खरीददारों के नाम सामने आए थे। जिसके आधार पर विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा था।

सीबीआई ने दर्ज किया केस

हिंदुस्तान टाइम्स (एचटी) की रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआई को भ्रष्टाचार से जुड़ी शियाकत मिली थी। जिसके आधार पर सीबीआई ने कार्रवाई की है। शिकायत में एनएमडीसी और मेकॉन लिमिटेड के अधिकारियों-अफसरों पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रियल लिमिटेड को किए गए भुगतान के बदले रिश्वत लेने का आरोप था।

कंपनी ने बॉन्ड्स से बीजेपी को पहुंचाया सबसे ज्यादा लाभ

निर्वाचन आयोग की तरफ से बीते 21 मार्च को पेश किए गई आंकड़ो के मुताबिक, मेघा इंजीनियरिंग का नाम चुनावी बॉन्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीददार कंपनी के तौर पर सामने आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने 966 करोड़ रुपए के चुनावी बॉन्ड्स खरीदे थे। जिसमें कंपनी ने बीजपी को सबसे अधिक 586 करोड़ रुपए दान किए थे।

कंपनी ने बीआरएस को 195 करोड़ रुपए, डीएमके 85 करोड़ और वाईएससआरसीपी को 37 करोड़ रुपए का दान किया गया है। वहीं, टीडीपी को करीब 25 करोड़ रुपए मिले, जबकि कांग्रेस पार्टी को 17 करोड़ रुपए मिले। इनके अलावा जेडी(एस), जन सेना पार्टी और जेडी(यू) को 5 करोड़ से 10 करोड़ तक की मोटी रकम कंपनी की ओर से दान की गई थी।

Created On :   13 April 2024 4:51 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story