लोकसभा चुनाव 2024: मोदी लहर में टूटा था कांग्रेस का अभेद किला, जानिए क्या है पुणे सीट का सियासी इतिहास

मोदी लहर में टूटा था कांग्रेस का अभेद किला, जानिए क्या है पुणे सीट का सियासी इतिहास
  • कांग्रेस का गढ़ रह चुकी है पुणे सीट
  • बीजेपी ने मोदी लहर में कांग्रेस अभेद किले को किया ध्वस्त
  • बीजेपी ने इस बार मुरलीधर मोहोल को दिया टिकट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में पुणे सीट का नाम भी शामिल है। पुणे सीट का चुनाव 5वें चरण में होगा। लोकसभा के चुनावी समर में बीजेपी और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। एक तरफ कांग्रेस ने रवीन्द्र धांगेकर को टिकट दिया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने मुरलीधर मोहोल को पुणे सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। दोनों के बीच यह चुनावी मुकाबला टक्कर का होने वाला है। 2014 के बाद से पुणे सीट पर बीजेपी का कब्जा है। लेकिन कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। बता दें, कि मार्च 2023 में पुणे से बीजेपी सांसद गिरीश बापट का निधन हो गया था। तब से यह सीट खाली है। आज हम आपको बताएंगे पुणे सीट के चुनावी इतिहास के बारे में।

पुणे लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

आजाद भारत में पुणे का पहला आम चुनाव साल 1951 में हुआ। पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने नरहर गाडगिल और इंदिरा अनंत मेदेव का पुणे से मैदान में उतारा था। दोनों ही नेता यह चुनाव जीतने में सफल रहे थे। 1957 में यह सीट प्रजा समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई और नारायण गणेश गोरे सांसद निर्वाचित हुए। हालांकि, 1962 में कांग्रेस ने वापसी कर ली और शंकर राव मोरे सांसद बने। 1967 में कांग्रेस को दोबारा यह सीट गंवानी पड़ी। इस बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी एस एम जोशी निर्वाचित हुए। 1971 में कांग्रेस फिर एक बार जीत हासिल करने में सफल हुई और मोहन धारिया सांसद निर्वाचित हुए।

इमरजेंसी में कांग्रेस को लगा झटका

इमरजेंसी हटने के बाद साल 1977 में लोकसभा चुनाव हुए। पुणे सीट से तत्कालीन कांग्रेस सांसद मोहन धारिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ जनता पार्टी का दामन थाम लिया। इमरजेंसी के दुष्परिणामों के कारण कांग्रेस को हाथों यह सीट निकलकर जनता पार्टी के पास जा पहुंची और मोहन धारिया सांसद निर्वाचित हुए।

कांग्रेस की वापसी

तीन साल बाद 1980 में फिर लोकसभा चुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस पार्टी को जीत हासिल हुई और इस बार विट्ठलराव गाडगिल सांसद बने। गाडगिल ने लगातार तीन आम चुनाव साल 1980, 1984 और 1989 में पुणे सीट से कांग्रेस को विजयी बनाया और सांसद निर्वाचित हुए।

भाजपा की एंट्री

साल 1991 के चुनाव में पुणे लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी पहली जीत हासिल की और अन्ना जोशी सांसद निर्वाचित हुए। चुनावी नतीजों में बीजेपी प्रत्याशी अन्ना जोशी ने कांग्रेस प्रत्याशी विट्ठलराव गाडगिल को 16 हजार 938 वोटों से हराया था।

कांग्रेस की वापसी, सुरेश कलमाड़ी ने लगाया दाग

साल 1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दमदार वापसी की। इस बार कांग्रेस ने पुणे सीट से सुरेश कलमाड़ी को टिकट दिया और वे चुनाव जीतने में सफल रहे। 1998 में भी कांग्रेस ने जीत का प्रदर्शन दोहराया और इस बार विट्ठल तुपे सांसद निर्वाचित हुए। 1999 के चुनाव में पुणे सीट पर भाजपा ने वापसी की और प्रदीप रावत सांसद बने। 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर सुरेश कलमाड़ी को पुणे सीट से चुनावी मैदान में उतारा। कलमाड़ी ने चुनाव जीता और दोबारा सांसद बन गए। कलमाड़ी ने 2009 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर जीता और वे लगातार दो बार पुणे सीट से निर्वाचित हुए। कॉमनवेल्थ गेम्स के घोटाले में सुरेश कलामाड़ी का नाम सामने आया। जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें 2014 का टिकट नहीं दिया।

मोदी लहर में बीजेपी ने भेदा कांग्रेस का किला

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान देशभर में मोदी लहर चल रही थी। पुणे सीट से बीजेपी ने अनिल शिरोले को चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं, उनके सामने कांग्रेस पार्टी ने डॉ विश्वजीत पतंगराव कदम को लोकसभा का टिकट दिया था। चुनावी नतीजों में बीजेपी प्रत्याशी अनिल शिरोले ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ विश्वजीत पतंगराव कदम को 3 लाख 15 हजार 769 वोटों से हरा दिया। इस दौरान अनिल शिरोले को 5 लाख 69 हजार 825 वोट मिले। वहीं, डॉ विश्वजीत को 2 लाख 54 हजार 56 वोट मिले।

क्या रहा पिछले चुनाव का रिजल्ट?

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पुणे सीट से अपना प्रत्याशी बदलकर गिरीश बापट को टिकट दिया। गिरीश बापट के सामने कांग्रेस ने मोहन जोशी को चुनावी मैदान में उतारा। चुनावी नतीजों में भाजपा प्रत्याशी गिरीश बापट ने कांग्रेस प्रत्याशी मोहन जोशी को 3 लाख 24 हजार 628 वोटों से हरा दिया। इस दौरान गिरीश बापट को 6 लाख 32 हजार 835 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस नेता मोहन जोशी को 3 लाख 8 हजार 207 वोट मिले। मार्च 2023 में गिरीश बापट का निधन हो गया था।

Created On :   5 April 2024 1:43 PM GMT

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