2 हजार के नोट पर नहीं थम रहा विवाद, सीएम भूपेश बघेल ने 'थूक कर चाटने' वाला बताया फैसला

2 हजार के नोट पर नहीं थम रहा विवाद, सीएम भूपेश बघेल ने थूक कर चाटने वाला बताया फैसला
  • 2000 के नोट पर बवाल
  • सीएम भूपेश बघेल ने उठाए सवाल
  • बीजेपी के नेता फायदे गिनाने में लगे

डिजिटल डेस्क, रायपुर । भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई को सूचना जारी करते हुए कहा था कि जल्द ही 2000 के नोट को बंद किया जाएगा। 2000 के नोट को अभी आम जनता पहले जैसे ही उपयोग कर सकती है। बैंक ने यह भी कहा था कि, 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक आम जनता अपने पास के बैंकों में 2000 के नोट जमा कर सकते हैं। लेकिन एक दिन में केवल 20,000 हजार रूपये ही जमा होंगे। वहीं जब से 2 हजार के नोट को बैन करने का एलान किया गया है तब से ही विपक्ष सत्ताधारी पार्टी बीजेपी एवं आरबीआई पर आक्रामक हैं और 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने के फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं।

2000 के नोट के बैन को लेकर कांग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले को 'थूक कर चाटने' जैसा बताया है। बता दें कि, सीएम बघेल ने ये बातें बीते दिन कर्नाटक के सीएम शपथ समारोह के बाद कही। भूपेश बघेल के इस बयान पर सताधारी पार्टी उन पर हमलावर हो सकती है क्योंकि जहां विपक्ष के तमाम नेता इसे गलत निर्णय बता रहे हैं। वहीं भाजपा नेता इसे दूसरी बार भ्रष्टाचार पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया है।

भूपेश बघेल ने क्या कहा?

कर्नाटक में सिद्धारमैया की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के बाद कहा कि, केंद्र सरकार और आरबीआई ने अब 2000 के नोट पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। जिसका कारण उन्हें बताना चाहिए। बघेल ने आरबीआई से सवाल पूछा कि, बैंक से हम पूछना चाहते हैं, आखिर इसे क्यों बंद किया गया? सीएम बघेल ने कहा कि, आपने साल 2019 में इसे छापना बंद तो कर दिया था लेकिन आज 2023 है अब एकदम से 2000 के नोट को बंद कर देना, इसका कुछ तो कारण होगा उन्हें बताना चाहिए। बघेल ने आगे कहा कि, इन सब का मतलब यही है कि आप यानी केंद्र सरकार अपने ही फैसले से पलट गई है। सात साल बाद यानी 2016 में इसे लागू किया गया था लेकिन अब 2023 में इसे बंद कर दिया गया, यह फैसला "थूक कर चाटने" जैसा है।

नोट छापने में करोड़ों रूपये खर्च- बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पूरे मामले पर आगे कहा कि, मीडिया को सरकार से सवाल करनी चाहिए कि इसे बंद क्यों किया गया। शासकीय धन का ऐसे दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। बघेल ने नोट छापने में खर्च हुए लगात पर कहा कि, एक लेख के अनुसार नोट को छापने में करोड़ों रुपये का खर्च आता है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, नोट छापने में 16-17 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बघेल ने कंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि 2000 के नोट को बंद करने से देश के आयकर दाताओं के पैसे खर्च हो रहे हैं और केंद्र सरकार मनमानी तरीके से जब चाहे तब खत्म कर दे रही है और जब चाहे नए नोट जारी कर दे रही है, अब ये भी सरकार को बता देना चाहिए कि अब आगे कौन सा नोट जारी करने जा रही है।

क्रिप्टो करेंसी का जिक्र करते हुए भूपेश बघेल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, क्या देश अब कैशलेस ट्रांजेक्शन की ओर जा रहा है कहीं भारत को क्रिप्टो करेंसी की ओर तो नहीं ले जाने की तैयारी है।

सरकार के नुमाइंदे फायदे गिनाने में जुटे

वहीं 2000 के नोट के बैन पर बीजेपी के तमाम नेता इसके फायदे गिनाने में लगे हुए हैं। बीते दिन बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 2000 के नोट के बैन को लेकर कहा था कि, केंद्र सरकार का फैसला उचित है इसके कई फायदे हैं। जिसमें सबसे प्रमुख की भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। साथ ही उन्होंने ट्वीट किया था "नोटबंदी नहीं यह नोटबदली है काले धन पर दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है।" बता दें कि, 2000 के नोट पर जब से प्रतिबंध लगाने की बात सामने आई है तब से सरकार और तमाम विपक्षी दल आमने-सामने हैं और विपक्ष के नेता सरकार की एक और विफलता बता रहे हैं।

Created On :   21 May 2023 3:40 AM GMT

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