लोकसभा चुनाव 2024: पीलीभीत सीट पर नामांकन के आखिरी दिन भी वरुण गांधी ने नहीं भरा पर्चा, भविष्य पर संशय बरकरार

पीलीभीत सीट पर नामांकन के आखिरी दिन भी वरुण गांधी ने नहीं भरा पर्चा, भविष्य पर संशय बरकरार
  • पीलीभीत सीट पर इतिहास बदलना तय
  • गांधी परिवार गवां सकती है पीलीभीत सीट
  • नामांकन के आखिरी दिन भी वरुण गांधी ने नहीं भरा पर्चा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट पीलीभीत को लेकर इन दिनों देश की राजनीति में खूब चर्चा हो रही है। बीजेपी ने इस बार के चुनाव में मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि वरुण गांधी पर पार्टी कम भरोसा जता रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह वरुण गांधी का लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करना है। हालांकि, बीजेपी की ओर से उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने के भी संकेत मिल रहे हैं।

हाल ही में कांग्रेस ने वरुण गांधी को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया था। लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद से ही वरुण गांधी के भविष्य को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है। ऐसे में वरुण गांधी का आगे का भविष्य क्या होगा? इस पर भी संशय बरकरार है। लेकिन अब पीलीभीत से वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। टिकट कटने के बाद वरुण गांधी ने बुधवार को पहला बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपनी मां मेनका गांधी के लिए सुल्तानपुर से प्रचार करेंगे। ऐसे में अब पीलीभीत का इतिहास बदलना तय है। पीलीभीत सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख 27 मार्च है और इससे पहले उन्होंने साफ कर दिया कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि, पीलीभीत लोकसभा सीट पर पहले चरण में मतदान होगी।

पीलीभीत सीट का इतिहास

साल 1989 से ही पीलीभीत सीट पर गांधी परिवार का कब्जा रहा है। वरुण गांधी की मां मेनका गांधी इस सीट से छह बार सांसद रह चुकी हैं। वहीं, खुद वरुण गांधी भी दो बार पीलीभीत से सांसद रह चुके हैं। मेनका गांधी ने पहली बार साल 1989 में पीलीभीत सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वह 1996 में इस सीट से दूसरी बार सांसद बनीं। फिर वह इस सीट से लगातार चुनाव जीतती रहीं। 2009 में पहली बार अपनी मां की जगह पर वरुण गांधी पीलीभीत सीट से चुनाव जीते। इसके बाद 2014 में मेनका गांधी एक बार फिर इस सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचीं। फिर 2019 के चुनाव में वरुण गांधी ने यहां से चुनाव जीता था। अब वरुण या मेनका दोनों ही नेता इस सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। ऐसे में अब इस सीट से गांधी परिवार का कोई भी सांसद नहीं होगा। वरुण गांधी ने बीते दिन पीलीभीत से नामांकन पत्र भरने के लिए पर्चा खरीदा था। लेकिन उन्होंने नामांकन पत्र नहीं भरा।

Created On :   27 March 2024 1:20 PM GMT

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