बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जानिए दरभंगा जिले की गौरा बौराम विधानसभा सीट का सियासी समीकरण, पिछले चुनाव में जेडीयू के गढ़ में वीआईपी ने लगाई थी सेंध

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, बिहार में दो चरणों में वोटिंग होनी है, पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। गौरा बौराम विधानसभा दरभंगा मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर और पटना से 158 किलोमीटर दूर स्थित है। सबसे नजदीकी स्टेशन दरभंगा जंक्शन है। विधानसभा इलाके में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
आज हम आपको 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई दरभंगा जिले की गौरा बौराम विधानसभा सीट के सियासी जंग, सियासी समीकरण के बारे में बताएंगे। यहां अभी तक 3 बार विधानसभा चुनाव हुआ है। इस विधानसभा के अधिकतर मतदाता कृषक है, यानि यह क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण और कृषि प्रधान है। इलाके में कमला नदी कृषि सिंचाई का प्रमुख संसाधन है, लेकिन बेमौसमी बारिश और बाढ़ किसान, खेती और विकास को बुरी तरह प्रभावित है। विधानसभा इलाके में औद्योगिक कंपनियां ना होने की वजह से बेरोजगारी के चलते यहां के अधिकतर देश के अन्य इलाकों में पलायन कर जाते है। बेरोजगारी और पलायन यहां की सबसे बड़ी समस्या है। इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी -पलायन और विकास अहम मुद्दा बनकर सामने आया है।
गौरा बौराम विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात की जाए तो , यहां हुए तीन बार के चुनाव में दो बार जेडीयू और एक बार मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। 2010 और 2015 में जेडीयू ने ,उसके बाद 2020 के चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी प्रत्याशी स्वर्णा सिंह ने जीत हासिल की। वीआईपी की सिंह ने आरजेडी के अफजल अली खान को हराकर सीट अपने नाम की। 2022 में स्वर्णा सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। आरजेडी मुस्लिम-यादव समीकरण पर चुनाव मैदान में उतरती है। ग्रामीण वोटर्स यहां निर्णायक भूमिका में होते है। चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार विधानसभा की कुल जनसंख्या 4,41,617 है। कुल वोटर्स 2,61,037 हैं, जिनमें 1,36,597 पुरुष और 1,24,440 महिलाएं शामिल हैं।
Created On :   7 Oct 2025 4:21 PM IST