केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटे केजरीवाल की पवार से मुलाकात

केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटे केजरीवाल की पवार से मुलाकात
  • दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर राजनीति
  • केंद्र सरकार लाई अध्यादेश
  • अध्यादेश के खिलाफ समर्थन में जुटे केजरीवाल

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। केंद्र सरकार के दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। आपको बता दें आप पार्टी के संयोजक व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल समर्थन जुटाने के लिए इस समय देश के कई राज्यों में जाकर गैरबीजेपी सरकारों को एक जुट करने में जुटे है।

सीएम केजरीवाल मंगलवार शाम 23 मई को मुंबई पहुंचे है। 24 मई को उन्होंने अपने अन्य सहयोगियों के साथ शिवसेना (उद्धव बाला साहेब गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब सीएम भगवंत मान,राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी मौजूद थी। इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी मुलाकात कर चुके है। आज केजरीवाल की मुलाकात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से हो सकती है।

देशभर का दौरा करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे है। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है। देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि इन्होंने कहा कि वे राज्यसभा में हमारा समर्थन करेंगी। राज्यसभा में अगर यह बिल गिर जाता है तो यह 2024 से पहले का सेमीफाइनल होगा।

आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को मिले अधिकारों के उलट केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुको के फैसले पर प्रहार किया है। टॉप कोर्ट ने जहां सभी अधिकार मुख्यमंत्री को दिए थे, वहीं ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिये सभी अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिए हैं। केंद्र के इसी अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल पूरे विपक्ष को एक करने में जुटे है। केजरीवाल चाहते हैं कि केंद्र सरकार जब अध्यादेश को बिल के रूप में जब राज्यसभा में लाए तब पूरा विपक्ष एकजुट होकर इसका विरोध करे। ताकि यह कानून न बन सके।

Created On :   25 May 2023 10:58 AM GMT

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