भारत रत्न सम्मान: राम रथ यात्रा से लालकृष्ण आडवाणी ने भरी थी हिंदुत्व की हुंकार, बीजेपी की सीटें बढ़ाने में है अहम योगदान

राम रथ यात्रा से लालकृष्ण आडवाणी ने भरी थी हिंदुत्व की हुंकार, बीजेपी की सीटें बढ़ाने में है अहम योगदान
  • लालकृष्ण आडवाणी ने निकाली थी राम रथ यात्रा
  • इसी राम रथ यात्रा ने भरी थी हिंदुत्व की हुंकार
  • बीजेपी की सीटें बढ़ाने में दिया थआ अहम योगदान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान किया है। शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आडवानी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की जानकारी दी। लालकृष्ण आडवाणी ने देश के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। उन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके साथ ही उनके नेतृत्व में ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए राम रथ यात्रा निकाली गई थी। इसी यात्रा ने राम मंदिर के लिए सभी अलग-अलग संगठनों और हिंदूओं को आपस में जोड़ने का काम किया था। आइए जानते हैं कि कैसे लालकृष्ण आडवाणी की इस यात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने का काम किया।

राम मंदिर के लिए निकाली रथ यात्रा

भारतीय जनता पार्टी के नेता, पूर्व गृह मंत्री और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में बने राम जन्मभूमि मंदिर की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी अगुवाई में 25 सितंबर साल 1990 में गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश की अयोध्या तक एक यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा को राम रथ यात्रा नाम दिया गया था। इस यात्रा के दौरान आडवाणी ने कहा था कि सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे। इस राम रथ यात्रा ने देश में भारतीय जनता पार्टी की सियासी तस्वीर और तकदीर दोनों को बदल कर रख दिया था। लाल कृष्ण आडवानी की यह राम रथ यात्रा 30 अक्टूबर 1992 को खत्म होने वाली थी। लेकिन उससे पहले बिहार के समस्तीपुर में उन्हें गिरफ्तार करके नजरबंद कर दिया गया था।

रथ यात्रा का हुआ पार्टी को फायदा

इस यात्रा ने उत्तर प्रदेश सहित देशभर की राजनीति को बदल दिया। इसकी बदौलत ही साल 1991 में उत्तर प्रदेश में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। हालांकि, अगले साल 1992 के अंत में उनकी सरकार गिर गई। लेकिन कुछ सालों बाद पार्टी ने एक बार फिर से प्रदेश में वापसी की। साल 1997 में एक बार फिर से कल्याण सिंह, साल 1999 में राम प्रकाश गुप्ता और साल 2000 में राजनाथ सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। लेकिन इसके बाद एक बार फिर से प्रदेश में पार्टी की स्थिति डगमगा गई। बावजूद इसके पार्टी ने कभी राम मंदिर के मुद्दे को नहीं छोड़ा। इसके बाद साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने भारी बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। इसके बाद से ही राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा की सरकार है।

Created On :   3 Feb 2024 9:57 AM GMT

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